November 7, 2024
एक्सक्लूसिव देश

आदिवासियों को मुख्यधारा से जोड़ने दूरस्थ जनजातीय क्षेत्रों में पहुंच मनाते हैं बच्चों का जन्मदिन

झांसी। उत्तर प्रदेश के जिला झांसी के खैलार कस्बे में एक ऐसा परिवार है पिछड़े आदिवासियों के मध्य अपने बच्चों का जन्मदिन मनाने जाते हैं। इस कस्बे के रहने वाले गौतम कुशवाहा अपने परिवार के सदस्यों का जन्मदिन आदिवासी /सहारिया जाति के लोगों के साथ मनाते हैं। शुक्रवार को उनके बेटे ऋथ्विक सिंह का जन्मदिन भी उन्होंने पूर्व की भांति मनाया। उनसे पूंछा गया कि आप ऐसा क्यों करते हैं जबकि अन्य सभी लोग इसके विपरीत केक काट कर व आयोजन कर जन्मदिन मनाते हैं।
इसपर उन्होंने बताया कि “बुन्देलखण्ड क्षेत्र पिछड़ा क्षेत्र है और लगभग प्रत्येक गॉंव में कम संख्या में सहारिया आदिवासी है। अधिकतर देखने को मिलता है कि ये जाति सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, शैक्षिक रूप से बहुत पिछड़ी है। इस जाति में शिक्षा न के बराराबर है व उनका जीवन आज भी देश आजादी से पूर्व की स्थिति के समान है। उनको अपने हक़ अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं है जिसके अभाव में उनका शोषण होता है व उनको मात्र वोट समझा जाता है। उनके वोट को शराब, साड़ी, मिठाई, मुर्गा य डरा धमका कर आदि लुभावनी चीजे दे कर ले लिया जाता है।
उनके साथ जन्मदिन मनाने से उनमें घुल मिल कर उनको हम राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक मुद्दों पर समझाते हैं व उनके बच्चों से घुल मिल कर समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास करते हैं। क्योकि ये जातियां गॉंव की सभी जातियों के बीच नहीं रहती, वे एकांत में रहना पसंद करती है जैसे गॉंव से दूर जंगल,पहाड़ो के समीप जिससे वो सभी जरूरी ज्ञान स्व वंचित रह जाते हैं। सरकार अथक प्रयास करती है पर अभी भी वे मुख्य धारा से दूर हैं। हम उन्हें शिक्षा की ओर अग्रसर होने के लिये प्रोत्साहित करते हैं। दूसरा कारण बच्चों के जन्मदिन उनके साथ मनाकर, अपने बच्चे को भारत जमीनी हकीकत से जुड़े रखना चाहते है जिससे भविष्य में मेरा बेटा य बेटी उनकी बेहतरी के लिये कुछ कर सके न कि उनकी गरीबी से घृणा करे।

पिछड़े आदिवासियों के साथ कुशवाहा परिवार

Leave feedback about this

  • Quality
  • Price
  • Service

PROS

+
Add Field

CONS

+
Add Field
Choose Image
Choose Video
error: Content is protected !!
X