मथुरा रजक (अधिमान्य पत्रकार)
जिले भर में शुरू हुआ आनंद उत्सव के तहत कार्यक्रम
कलेक्टर श्री अरविंद दुबे के निर्देशन में आनंद उत्सव 2023 का आयोजन जिले भर में शुरू हो गया है। सोमवार को जिले के गांवों में आनंद उत्सव के तहत खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। कहीं पैरों में बोरा बांधकर लोगों ने दौड़ लगाई तो कहीं कबड्डी की जोर आजमाइश हुई। खो-खो, चम्मच दौड़ जैसे कई खेलों का आयोजन हुआ, जिनका उद्देश्य लोगों में आनंद का संचार करना था।
जिले में आनंद विभाग के नोडल अधिकारी श्री पीसी शर्मा ने बताया कि लोगों को जीवन में ऐसा आनंद का वातावरण निर्मित करने आनंद विभाग द्वारा हर साल 14 से 28 जनवरी तक आनंद उत्सव का आयोजन किया जाता है। सोमवार को सांची ब्लाक के ग्राम गुलगांव, सेवासनी, भादनेर, सनखेड़ी सहित कई गांवों में आनंद उत्सव के तहत विभिन्न कार्यक्रम रखे गए। जिनमें गांवों के सभी आयु वर्ग के लोगों ने अपनी भागीदारी की। बच्चों, बुजुर्ग, युवा, प्रौढ़, महिलाओं सहित सभी आयु वर्ग लोगों ने कार्यक्रमों में सहभागिता कर आनंद उठाया।
आनंद उत्सव का आयोजन 28 जनवरी तक किया जाएगा। पहले चरण में पंचायत स्तर पर आनंद उत्सव आयोजित होंगे, इसके बाद ब्लाक स्तर पर आनंद उत्सव का आयोजन होगा। आखिर में जिला स्तर पर आनंद उत्सव का आयोजन किया जाएगा। जिले में आनंद उत्सव के कार्यक्रम पंचायत विभाग के सहयोग व समन्वय से किए जा रहे हैं। आनंद विभाग के मास्टर ट्रेनर चेतन राय ने बताया कि आनंद उत्सव का मूल उद्देश्य लोगों को उनके भीतरी आनंद की अनुभूति कराना है। हमारे जीवन में कई छोटे-छोटे पल आते हैं जो हमे आनंदित करते हैं, लेकिन कई बार हम ऐसे आनंद के पलों को देख या महसूस नहीं कर पाते। आनंद उत्सव के अलावा आनंद विभाग अल्पविराम, आनंद सभा, आनंद क्लब, आनंद कैलेण्डर, आनंद ग्राम जैसे कई कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों के जीवन में आनंद बढ़ाने का काम कर रहा है। ‘अल्पविराम’ इस दिशा में काफी प्रभावी कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम से कई लोगों का जीवन बदला है। सभी लोगों इन कार्यक्रमों में सहभागिता कर जीवन में आनंद बढ़ा सकते हैं।
मध्यप्रदेश इकलौता राज्य, जो दे रहा आनंद
भारत में मध्यप्रदेश पहला राज्य बन गया है, जिसने लोगों के आनंद के लिए स्वतंत्र विभाग की स्थापना की है। इस मामले में अभी प्रदेश इकलौता राज्य है। हालांकि दूसरे देशों में हैप्पीनेश डिपार्टमेंट हैं। विभाग की अवधारणा है कि भौतिक साधनों की प्राप्ति भर से जीवन में आनंद की प्राप्ति नही होती। आनंद का स्रोत कुछ और है, और उसी कुछ और को लोगों को जीवन में लाने का प्रयास आनंद विभाग कर रहा है।
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