ब्रिटेन में किंग चार्ल्स का शनिवार को राज्याभिषेक होगा। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद ही चार्ल्स को सम्राट का दर्जा मिल गया था, लेकिन अब उन्हें वास्तव में ताज पहनाने की शाही परंपरा अपनाई जाएगी। महारानी एलिजाबेथ का राज्याभिषेक 2 जून 1953 को हुआ था। करीब सौ देशों के राष्ट्राध्यक्ष और राजपरिवार इस दौरान एक हजार साल पुरानी पंरपरा के साक्षी बनेंगे।
एक हजार साल पुरानी परंपरा के साक्षी बनेंगे 100 देशों के राष्ट्राध्यक्ष
ब्रिटेन 70 साल बाद एक बार फिर राजतिलक का गवाह बनने जा रहा है। वैसे तो महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद ही प्रिंस चार्ल्स को सम्राट का दर्जा मिल गया था। लेकिन अब शनिवार को उन्हें औपचारिक रूप से ताज पहनाने की शाही परंपरा निभाई जाएगी। करीब सौ देशों के राष्ट्राध्यक्ष और राजपरिवार इस दौरान एक हजार साल पुरानी पंरपरा के साक्षी बनेंगे।
शाही अंदाज वाला यह समारोह तीन दिन तक चलेगा। इसके साथ ही सम्राट चर्च ऑफ इंग्लैंड के मुखिया बन जाते हैं और उन्हें विशेष अधिकार हासिल हो जाते हैं। हालांकि, यह परंपरा अनिवार्य नहीं है। किंग एडवर्ड सप्तम ने राजतिलक के बिना ही गद्दी संभाली थी।
ताज में नहीं होगा कोहिनूर
ऐसी अटकलें लग रही थीं कि महारानी कैमिला किंग चार्ल्स की दादी यानी क्वीन मदर का मुकुट पहन सकती हैं, जिसमें कोहिनूर हीरा जड़ा है। लेकिन बकिंघम पैलेस ने 14 फरवरी को ही स्पष्ट कर दिया था कि इस मौके के लिए क्वीन मैरी का मुकुट बदला गया है। 2200 से अधिक शाही मेहमान समारोह में शामिल होंगे, भूटान, थाईलैंड, जापान समेत तमाम देशों के शाही परिवारों के सदस्य और राष्ट्राध्यक्ष आएंगे
इसलिए अहम है राज्याभिषेक
पिछले साल 8 सितंबर को महारानी एलिजाबेथ के निधन के दो दिन बाद ही प्रिंस चार्ल्स को औपचारिक रूप से सम्राट घोषित कर दिया गया था। यह परंपरा इस मायने में काफी अहम है कि किंग चार्ल्स न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा समेत 15 देशों के सम्राट बन जाएंगे।
चार टन की बग्घी में सवार होंगे चार्ल्स
किंग चार्ल्स और महारानी कैमिला घोड़े से चलने वाली बग्घी में बैठकर वेस्टमिंस्टर एबे पहुंचेंगे। इस बग्घी में बिजली से चलने वाली खिड़कियां और एयर कंडीशन की सुविधा है।
डायमंड जुबली स्टेट कोच में बैठकर जाएंगे। इस बग्घी का सबसे पहले इस्तेमाल 2014 में किया गया था। ताजपोशी के बाद सम्राट चार्ल्स और महारानी कैमिला गोल्ड स्टेट कोच में बैठकर राजमहल लौटेंगे, जो कि 1830 के बाद से हर राज्याभिषेक में इस्तेमाल होती रही है। चार टन की यह बग्घी 1767 से शाही परिवार के पास है।
1953 में महारानी एलिजाबेथ के राज्याभिषेक समारोह की तरह ही इस बार भी आयोजन का सीधा प्रसारण किया जाएगा0। वर्ष 1066 से ही राज्याभिषेक समारोह का आयोजन वेस्टमिंस्टर एबे में ही किया जा रहा है।
700 साल पुरानी कुर्सी, पवित्र तेल से अभिषेक, थामेंगे राजदंड
शाही चर्च वेस्टमिंस्टर एबे में किंग चार्ल्स 700 साल पुरानी कुर्सी के बगल में खड़े होंगे। केंटरबरी के आर्कबिशप ‘ईश्वर सम्राट की रक्षा करें’ का उद्घोष करेंगे।
चार्ल्स कानून और चर्च ऑफ इंग्लैंड को कायम रखने की शपथ लेंगे। फिर राजतिलक कुर्सी पर बैठेंगे। आर्कबिशप उनके हाथों और सिर पर पवित्र तेल से अभिषेक करेंगे।
सम्राट को धार्मिक और नैतिक अधिकारों का प्रतीक एक शाही गोला व राजदंड प्रदान किया जाएगा। अंत में उनके सिर पर सेंट एडवर्ड का ताज रखा जाएगा। यही प्रक्रिया महारानी कैमिला के राज्याभिषेक में भी अपनाई जाएगी।
इसके बाद सम्राट ताजपोशी की कुर्सी से उठकर सिंहासन पर बैठेंगे।
पहली बार…
बौद्ध-हिंदू धर्मगुरु भी होंगे शामिल
ब्रिटिश राजशाही के इतिहास में पहली बार किसी उत्तराधिकारी को राज्याभिषेक के लिए इतना लंबा इंतजार करना पड़ा है।
पहला मौका होगा…जब राज्याभिषेक के अनुष्ठान में बौद्ध, हिंदू, यहूदी, मुस्लिम और सिख धर्मगुरु भी शामिल होंगे।
धनखड़ कर रहे भारत का प्रतिनिधित्व
भारत की तरफ से आधिकारिक प्रतिनिधि के तौर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ राज्याभिषेक समारोह में मौजूद रहेंगे। वह पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ सहित शुक्रवार को लंदन पहुंच गए हैं। उपराष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि लंदन में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
सोनम कपूर और मुंबई के दो डिब्बावालाें को भी समारोह में आमंत्रित किया गया है।
भारतीय मूल की ब्रिटिश शेफ मंजू मल्ही को भी आमंत्रित किया गया है जो उन कुछ लोगों में शुमार हैं, जिन्हें ब्रिटिश एंपायर मेडल से सम्मानित किया गया है।
सजावट भी होगी खास…
राज्याभिषेक के लिए आयोजन स्थल को खास तरह के फूलों से सजाया गया है। इसमें मुख्य रूप से एंकिलेजिया फूल का इस्तेमाल किया गया है, जिसे पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।
नहीं आएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति
समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति के शामिल न होने की परंपरा इस बार भी बरकरार रही है। राष्ट्रपति जो बाइडेन समारोह में नहीं आएंगे। हालांकि, उनकी पत्नी जिल बाइडेन मौजूद रहेंगी।
मेगन कैलिफोर्निया में
चार्ल्स के छोटे बेटे प्रिंस हैरी की पत्नी मेगन अपने दोनों बच्चों के साथ दक्षिणी कैलिफोर्निया में हैं और शाही समारोह का हिस्सा नहीं बनेंगी।
पत्नी के साथ आएंगे सुनक
ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ शामिल होंगे। साथ हाउस ऑफ लार्ड्स के सदस्य भी होंगे।
जश्न के बीच शाही फिजूलखर्ची का हो रहा विरोध भी
राज्याभिषेक पर 100 मिलियन पाउंड यानी 1029 करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। लगभग पूरे देश में जश्न का माहौल है। पर कुछ लोग आयोजन के खिलाफ भी हैं। दरअसल इसका सारा खर्च राजपरिवार नहीं, बल्कि कर देने वाली जनता के पैसों से हो रहा है। ऐसे में परंपरा के नाम पर इस शाही समारोह पर हो रही फिजूलखर्ची के विरोध में प्रदर्शन भी हो रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इसके बाद देश से शाही परिवार जैसा ओहदा खत्म हो जाए। वे राज्याभिषेक के विरोध में ‘नॉट माई किंग’ अभियान चला रहे हैं। ट्विटर पर भी ये ट्रेंड कर रहा है।
सर्वे में दावा- 50% लोग विरोध में
शाही समारोह पर हो रहे खर्च को लेकर कराए गए एक सर्वे के अनुसार देश के 50% लोग इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि लोग महंगाई से परेशान हैं। लोगों के पास बिजली पानी का बिल भरने के पैसे नहीं हैं। बड़े-बड़े डिपार्टमेंटल स्टोर खाली पड़े हुए हैं। जनता बेहाल है। ऐसे मौके पर शाही समारोह में इतना खर्च करना करदाताओं पर अत्याचार है।