IndiaFlipNews राज्य मध्य प्रदेश जिला रायसेन गर्ल्स कॉलेज में प्राचार्य और प्रोफेसर की अनबन का शिकार हुई छात्रा, नहीं हो पाया एडमिशन
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गर्ल्स कॉलेज में प्राचार्य और प्रोफेसर की अनबन का शिकार हुई छात्रा, नहीं हो पाया एडमिशन

रायसेन। गर्ल्स कॉलेज में शनिवार को छात्रा को एडमीशन नहीं मिलने की वजह से मामला गर्मा गया। कॉलेज प्राचार्या ने लापरवाही का सारा ठीकरा कॉलेज की प्रोफेसर के ऊपर डाल दिया, जिससे प्रोफेसर भड़क गईं और कॉलेज के गेट पर ही आमरण अनशन करने बैठ गईं। जानकारी जब एसडीएम को लगी तो उन्होंने मौके पर पहुंचकर मामले को सम्हाला।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कन्या कॉलेज की छात्र रितिका धाकड़ बीए 4जी ऑनर्स में एडमिशन के लिए काफी दिनों से परेशान हो रही थी। उन्होंने इस बात की शिकायत दो दिन पहले कलेक्टर अरविंद दुबे से भी की थी, जिस पर कलेक्टर ने छात्रा को कन्या कॉलेज में ही एडमिशन दिलाने का भरोसा दिलाया था। 31 अगस्त को एडमिशन की आखिरी तारीख थी और छात्र का एडमिशन नहीं हो पाया। इसके पीछे की मुख्य वजह कंप्यूटर एप्लिकेशन विषय को ई-प्रवेश पोर्टल पर अपलोड न किया जाना बताया जा रहा है। अब इस मामले में गलती किसकी है, यह तो जांच का विषय है, लेकिन प्रभारी प्राचार्य डॉ विनोद सेंगर ने प्रवेश प्रभारी प्रोफेसर डॉ उषा सोलंकी को इसका जिम्मेदार ठहराया और कंप्यूटर एप्लिकेशन विषय को ई.प्रवेश पोर्टल पर अपलोड ना किए जाने के कारण नोटिस देकर स्पष्टीकरण देने को कहा। इसके बाद प्रवेश प्रभारी डॉ उषा सोलंकी भड़क गईं और रोते हुए कहने लगीं कि इतने साल की नौकरी में आज तक मुझे कोई सम्मान नहीं मिला, उल्टा मुझे नोटिस थमाया जा रहे है। उन्होंने कहा कि जब तक निराकरण नहीं हो जाता तब तक मैं कॉलेज के गेट से नहीं हटूंगी। ना पानी पिउंगी और इतना कहते हुए जोर-जोर से रोने लगीं।
मुझे सस्पेंड कर दीजिए, मुझे कॉलेज में नहीं रहना
सूचना मिलते ही एसडीएम मुकेश सिंह मौके पर पहुंचे और कॉलेज की प्रोफेसर डॉ उषा सोलंकी के पास नीचे बैठकर उनकी समस्या सुनी। इस दौरान प्रोफेसर डॉ उषा सोलंकी ने एसडीएम को भी रोते हुए अपनी पीड़ा बताई। उन्होंने एसडीएम से कहा कि मुझे इस कॉलेज से सस्पेंड कर दीजिए। मुझे अब इस कॉलेज में नहीं रहना। ना ही मुझे इस कॉलेज में अंदर जाना है। एसडीएम मुकेश सिंह ने उन्हें समझाते हुए पानी पीने को कहा तो उन्होंने कहा कि जब तक मेरी इस समस्या का हल नहीं हो जाता तब तक मैं पानी नहीं पिउंगी। इस पर एसडीएम श्री सिंह ने उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया और अपनी गाड़ी में बैठाकर एसडीएम कार्यालय ले गए। एसडीएम ने प्राचार्य डॉ विनोद सेंगर से भी एसडीएम कार्यालय आने को कहा।

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