November 7, 2024
जिला रायसेन प्रशासन राज्य

गाँव छोड़कर भोपाल में बसने की जिद के कारण टूटने की कगार पर पहुचा रिश्ता


– समझाइश के बाद पति से साथ गांव जाने को हुई तैयार, देवर की शादी के बाद रहेंगे भोपाल
रायसेन। पत्नी की जिद थी कि मुझे गांव में नहीं रहना, लंबे समय से वह पति से भोपाल चलकर रहने की जिद कर रही थी। पति इसलिए मजबूर था कि उसके बूढ़े मां-बाप की देखभाल के लिए कोई नहीं था। इस जिद के चलते पति-पत्नी ल रिश्ता टूटने की कगार पर पहुँच गया। करीब 2 घंटे की काउंसलिंग और दोनों के बीच कुछ शर्तों पर आपसी सहमति से राजीनामा हुआ।
स्लामतपुत निवासी एक महिला ने आवेदन देकर शिकायत की थी कि राहतगढ़ क्षेत्र के एक गांव मेंउसकी ससुराल गया, उसका पति उसे ठीक से नहीं रखता, बार- बार मेकर भेज देता है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामला कुछ ओर ही सामने आया। पति से अनुसार वह पत्नी को साथ रखना चाहता है, उसने की बार ले जाने के प्रयास भी किये लेकिन वह जाती है नही, पत्नी का सीधा जबाब था कि वह गांव में नहीं रहेगी, पति भोपाल में रहे तो ही साथ रहेगी। पति कर अनुसार भी वह लंबे समय से यही जिद पकड़े हुए है और इसी वजह से उसके घर मे कलह होती है। गांव में नहीं रहने का कोई ठोस करना पत्नी नहीं बता पाई। उसके अनुसार दो वजह सामने आईं, एक तो उसके दोनों जेठ अपने परिवार के साथ शहर में रहते हैं तो वह क्यों गांव में रहे, दूसरा उसका पति गांव में रहकर कोई काम नहीं करता और घर खर्च नहीं चलता। पति हर महीने घर खर्च के लिए पत्नी के हाथ में 10 हजार रुपये देने को राजी हो गया, साथ ही उसने कहा कि छोटे भाई की शादी होने वाली है, इसकी बहु आ जाएगी तो बूढ़े माता-पिता की देखभाल और भोजन का इंतजाम हो जाएगा, फिर वह भोपाल में भी रहने को राजी है। इसके बाद भी पत्नी अपनी जिद पर अड़ी रही। जब रिश्ता टूटने की कगार पर पहुच गया तो आखिर में पत्नी को बड़ी बारीकी से रिश्ता टूटने के बाद होने वाले दुष्परिणाम के बारे में बताया, उसके बच्चों के भविष्य दिखाया और उसे सोच समझकर निर्णय लेने को कहा। काफी देर बाद इस शर्त पर की देवर की शादी के बाद वह भोपाल में रहेगी वह पति के साथ ससुराल जाने को राजी हुई। बैठक में 11 प्रकरण रखे गए थे। ज्यादातर मामलों में पक्षकारों के अनुपस्थित रहने से सुनवाई नहीं हो पाई, सभी को आगामी तारीख दी गई है।
बैठक में काउंसलर कैलाश श्रीवास्तव, चेतन राय व अनीता राजपूत, प्रधान आरक्षक लक्ष्मण प्रसाद, आरक्षक लोकेंद्र मौर्य उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि एसपी विकास शहवाल के निर्देशन व एएसपी अमृतलाल मीणा के मार्गदर्शन में हर मंगलवार को एसडीओपी कार्यालय में परिवार परामर्श केंद्र की बैठक आयोजित की जाती है, जिसके माध्यम से पारिवारिक विवादों को आपसी सहमति से सुलझाने का प्रयास किया जाता है।

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