IndiaFlipNews एक्सक्लूसिव नौनिहालों के लिए घातक साबित हो रहा बढ़ता “स्क्रीन टाइम”
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नौनिहालों के लिए घातक साबित हो रहा बढ़ता “स्क्रीन टाइम”

  • जितना समय आप मोबाइल, टीवी, लैपटॉप, कम्प्यूटर, टैबलेट पर व्यतीत करते हैं, उसे स्क्रीन टाइम कहते हैं।
    आजकल ऑनलाइन शिक्षा के कारण बच्चों का स्क्रीन टाइम बढ़ गया है। इसके अलावा भी बच्चे मोबाइल के आदि होते जा रहे हैं। कई मां बाप इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं, जो आगे चलकर विकराल रूप ले सकती हैं। आप आएदिन समाचारों में मोबाइल की लत के कारण लकवा, आत्महत्या जैसी बीमारियां पढ़ते ही होंगे। आवश्यकता है समय रहते अपने बच्चे को इस लत से बचाने की।

अगर बच्चा अधिक मोबाइल देखता है तो क्या हो सकता है?

मोटापा, नींद की कमी, सिरदर्द, आंखों में दर्द और लाल आंखें, गर्दन, कलाई और पीठ में दर्द देर से बोल पाना, चिड़चिड़ापन, गुस्सा, ध्यान न लगा पाना, हीनभावना, अवसाद, अश्लील सामग्री से परिचित हो जाना, जुए की लत, घबराहट
समाज में कम घुल मिल पाना इत्यादि।

इसलिए जागरूक बनें और याद रहे कि इलाज करवाने से बेहतर है कि बचाव किया जाए। अपने बच्चों को भोजन कराने के लिए, ध्यान भटकाने के लिए मोबाइल का नहीं, बल्कि लकड़ी के खिलौने का इस्तेमाल करें।

फिर बच्चा कितनी देर तक मोबाइल देख सकता है?


2 वर्ष से छोटे बच्चे को मोबाइल स्क्रीन बिल्कुल भी नहीं दिखानी चाहिए। (कभी कभी रिश्तेदारों से वीडियो कॉल कर सकते हैं)
2 से 5 वर्ष तक के बच्चो को 1 घंटे से अधिक मोबाइल नहीं देखना चाहिए
5 वर्ष से अधिक बच्चो में यदि 1 घंटे से अधिक का उपयोग हो रहा है तो इस बात का ध्यान रखे कि उसके खेलने और नींद का समय कम न होने पाए।

लेखक का परिचय

Dr. Sukarn Awasthi
Ex SR NSCB MC, Jabalpur
Asst. Professor
Department of Pediatrics
People’s Medical College
Bhopal
Neeru’s Child, Skin & Family Clinic, Bhopal
9669661174

लेखक एक एमबीबीएस, एमडी (शिशु एवम बाल्य रोग विशेषज्ञ हैं)

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