राजधानी भोपाल में डॉक्टर की हड़ताल को देखते हुए प्रशासन ने इमरजेंसी व्यवस्था के लिए 1500 बेड की व्यवस्था की थी। जमीनी हकीकत देखने के लिए संभाग आयुक्त के साथ कलेक्टर भी मैदान पर उतरे।
राजधानी सहित पूरे प्रदेश में कार्यरत शासकीय डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर आज से अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल के कारण भोपाल में स्थित प्रदेश के सबसे बड़े हमीदिया अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बेहाल दिखीं। मरीज सुबह से इलाज के लिए इधर-उधर भटकते देखे हालांकि प्रशासन का दावा है कि हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं बिगड़ने नहीं दी जाएंगी।
यही कारण है कि आज सुबह से ही भोपाल संभागायुक्त माल सिंह और कलेक्टर आशीष सिंह प्रशासनिक अमले के साथ हमीदिया अस्पताल में मोर्चा संभालते दिखें। वह खुद एक एक मरीज से उनके हालचाल पूछते रहे। इतना ही नहीं प्रशासन ने आपातकालीन स्थिति को देखते हुए शहर के निजी अस्पतालों में करीब 1500 बिस्तर रिजर्व किए हैं, ताकि बेहतर से बेहतर सुविधाएं मरीजों को मिल सकें।
गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज ज्यादा परेशान है। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हमीदिया अस्पताल में 32 मरीजों के रूटीन ऑपरेशन भी टाल दिए गए हैं। इसके चलते मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है मरीजों के परिजन यह जानने की कोशिश में लगे कि ऑपरेशन कब होगा ज्ञात हो कि मंगलवार को सरकारी डॉक्टर सुबह 11 से 2 बजे तक हड़ताल पर रहे। उन्होंने ओपीडी, आउट पेशेंट डिपार्टमेंट और आईपीडी इन पेशेंट डिपार्टमेंट भी बंद कर दी थी।
कलेक्टर और कमिश्नर ने किया निरीक्षण
राजधानी में मरीजों को कोई समस्या नहीं हो इसके लिए संभागायुक्त माल सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह ने मोर्चा संभाला। हमीदिया अस्पताल, कमला नेहरू चिकित्सालय की ओपीडी सेवा में सोनोग्राफी और सेवाओं की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। कलेक्टर आशीष सिंह ने आज सुबह नगर यातायात व्यवस्था के लिए का भृमण दौरा निरस्त कर दिया था। सुबह से वह प्रदेश के सबसे बड़े हमीदिया अस्पताल में व्यवस्था बनाने के लिए घूमते रहे। इस दौरान उन्होंने कई मरीजों से उनकी परेशानी जानी और तुरंत व्यवस्था कार्रवाई।
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