सरकारी कागजातो से पुरानी मगर एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। जिससे पता चलता है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकलापों में शामिल होने से सरकारी सेवकों को कोई रोक नहीं है और न उनके खिलाफ कोई कार्यवाही की जा सकती है। कांग्रेस कई बार इस मुद्दे को उठाती रहीं है मगर उसे शायद यह जानकारी नहीं है कि शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 2006 में ही इस बारे में स्थिति स्पष्ट कर दी थी। दरअसल तत्कालीन दिग्गी सरकार ने 2003 में इस तरह का प्रतिबंध सरकारी सेवकों पर लगाया था मगर भाजपा की सरकार ने 2006 में ही उसे खत्म कर दिया था। उपरोक्त दोनो आदेशों से यह बात अच्छी तरह स्पष्ट हो जाती है , यानी अगर कोई सरकारी सेवक संघ के कार्यकलापों में हिस्सा लेता है तो उसके खिलाफ़ सिविल सेवा आचरण नियम के तहत कोई कार्यवाही नहीं हो सकतीं।
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