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स्ट्रेस हार्मोन के अधिक स्त्राव से बढ़ रहा आमजन में बीमारियों का खतरा

प्राचीन काल में जो stress hormone युद्ध के समय, शेर से सामना होने जैसी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में कई महीनो / सालों में एक आध बार हमारे शरीर में स्त्रावित होता था, वही हार्मोन अब वीडियो गेम खेलते समय, fb/insta पर अपनी साथ वालों की तरक्की के post देखकर, चीन- पाकिस्तान के ज़िक्र आदि में दिनभर स्त्रावित होता है
युद्ध के समय तो यह हार्मोन परम मित्र साबित होता है क्यूंकि इसका काम है

  • सारा रक्तस्त्राव माशपेशियों व दिमाग़ की ओर मोड़ देना
  • दिल तेज़ी से धड़काना ताकि रक्त की पूर्ती होती रहे
  • सांस तेज़ होना ताकि ऑक्सीजन की पूर्ती होती रहे
  • दिमाग़ को तेज़ी से सोचने में मदद करना
  • युद्ध के दौरान गैर ज़रूरी काम जैसे पाचन, सेक्स, रोगप्रतिरोधक शक्ति आदि में भारी गिरावट आदि

पर क्योंकि अब यह तनावपूर्ण स्थिति/ अत्यधिक सोच विचार की स्तिथि दिन रात बनी रहती है तो यह stress hormone भी भारी मात्रा में 24 घंटे शरीर में दौड़ता है, नतीजतन-

  • मांसपेशियों में बेवजह अत्यधिक रक्त संचार होने से व मसपेशिया रिलैक्स ना हो पाने से शरीर में कमर, गर्दन, हाथ, पैर में दर्द बना रहता है
  • दिल तेज़ी से धड़कते रहने से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा
  • सांस तेज़ चलते रहने से दमा का डर
  • दिमाग़ हमेशा एक्टिव रहने के कारण सरदर्द, अनिद्रा, चिड़चिड़ापान आदि
  • कमज़ोर पाचन, इंफ़र्टिलिटी, बार बार बीमार पड़ना, डाइबटिस इत्यादि की सम्भावना बढ़ जाती है

Dr. Shraddha Tiwari
MBBS, MD (Community Medicine), MBA
Clinical Cosmetologist & Skin Specialist
www.heartfulness.org

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