जीत की राह नहीं आसान, जनता के मूड को समझ पाना हो रहा मुश्किल
रायसेन। सप्ताह भर बाद शहर में निकाय चुनाव होना है। लेकिन जनता के मन की बात प्रत्याशा भांप भी नहीं पा रहे हैं। निकाय चुनाव में जनता के मूड को समझ पाना असान नहीं है। इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला नहीं है। कई वार्डों में कांटे का त्रिकोणीय मुकाबला होने वाला है, क्योंकि अधिकांश वार्डों में बागी उम्मीदवार ताल ठोंक रहे हैं, जो वार्ड और पार्टी में अच्छा रुतवा रखने के बाद पार्टी की नजरअंदाजी की वजह से बागी हुए हैं।
प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में तेजी ला दी है, लेकिन इस बार वार्ड की जनता नाखुश नजर आ रही है। प्रत्याशी संपर्क के दौरान लोक लुभावने सपने जनता को दिखा रहे हैं, आप मुझे वोट दीजिए, मैं सड़क बनवाऊंगा… सफाई करवाऊंगा… आपके सभी काम होंगे, बेहतर बिजली मिलेगी और पानी जरूर मुहैया कराऊंगा। यदि इन्हीं तमाम मुद्दों पर कोई प्रत्याशी चुनाव लड़ता हो तो अब तक चुने हुए जन प्रतिनिधियों ने जनता के लिए आखिर किया ही क्या है? निकाय चुनाव को लेकर चर्चाओं का दौर गरम है। तरह-तरह की कयासबाजी और बातें की जा रही हैं। जिनमें दावे किए जा रहे हैं कि हम ऐसा कर देंगे, हम वैसा कर देंगे लेकिन लोगों का सवाल यही है कि जो इतने सालों में नहीं कर पाए अब क्या करोगे? सड़क, बिजली और पानी ही अगर मुद्दा है तो आप लोगों (दोनों दल के नेता) ने हमारे (जनता) के लिए किया क्या है? कुल मिलाकर ऐसे तमाम सवालों से नेता घिरे हुए हैं। हालांकि इस बार के चुनाव परिणाम जनता ने चुप्पी से तय कर दिए हैं, जिनके बारे में कुछ भी कह और सुन पाना फिलहाल मुश्किल लग रहा है। उल्लेखनीय है कि नगर पालिका रायसेन से जनता की नाराजगी छिपी नहीं है। इसीलिए तमाम तरह की बातें सामने आ रही हैं। अब उसी परिषद में वे ऐसे आदमी को बैठाना चाहते हैं जो वाकई कुछ कर दिखाए?
वहीं पुराने घिसे-पिटे मुद्दे लेकर पहुंच रहे जनता के बीच
अब तक नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से होता था, लेकिन इस बार अप्रत्यक्ष यानि जनता नहीं, इस बार का अध्यक्ष पार्षद चुनेंगे। ऐसे में इस बार नगर पालिका अध्यक्ष का घोषणा पत्र जनता के सामने नहीं है। पार्षद अपने ही प्रचार में लगे हैं। किसी वार्ड में किसी पार्षद का कोई मैनीफेस्टो नहीं है। नालियों की सफाई समय पर कराऊंगा, पानी समय पर पिलाएंगे, आपकी सेवा में खड़ा रहूंगा… बस एक बार आप बोल देना कुछ ऐसी ही बातों, दावे-आश्वासनों तक पार्षद प्रत्याशियों की बातें सिमटी हुई हैं। खास बात यह है कि पार्टी स्तर पर भी बीजेपी-कांग्रेस ने कोई अलग से घोषणा-पत्र तैयार नहीं किया है न ही किसी प्रकार की कोई तैयारी की। ऐसे में मतदाता की चुप्पी के तमाम कारण कई तरह से सामने आ रहे हैं।
वोटरों के मन की बात…
हमने इतने समय इतने जिम्मेदारों को देखा है लेकिन कोई भी खरा नहीं उतर पाया। क्या रायसेन की जनता को हर दिन पानी नहीं मिलना चाहिए? क्या जनता इसलिए अपना नेता चुनती है? अब बहुत हुआ, अब जवाब देने की बारी है, नेता वही होगा जो काम करे।
कामिनी शर्मा, वोटर वार्ड क्रमांक 4
सभी नेता बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, 75 साल बाद भी यदि रायसेन की जनता सड़क, बिजली और पानी को परेशान है तो यह हमारे नेताओं की नाकामी है। वे कैसे घरों में जनता से वोट मांग रहे हैं, इसका जवाब जनता उन्हें मतदान के रूप में देगी।
हाकम सिंह दांगी, वोटर वार्ड क्रमांक 14
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सड़क, बिजली, पानी अगर मुद्दा है तो अब तक के चुने हुए प्रतिनिधियों ने किया ही क्या?
- by indiaflip
- July 5, 2022
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- 2 years ago
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