मथुरा रजक (अधिमान्य पत्रकार)
परिवार परामर्श केन्द्र की बैठक में दो मामलों में राजीनामा
रायसेन। पति की गैरजिम्मेदाराना रवैये और अक्सर लड़ाई झगड़ा करने की आदत के कारण पत्नी ने करीब 4 साल पहले उसका साथ छोड़ दिया। बीते चार सालों से वह अपने बेटे के साथ मायके में रह रही थी। मामला परिवार परामर्श केंद्र में आने पर दोनों को समझाया तो वे फिर एक साथ रहने को राजी हो गए।
करीब 10 साल पहले हुई शादी के बाद अक्सर होने वाले झगड़े और पति की घर के प्रति रहने वाली लापरवाही के कारण एक दंपति में अक्सर विवाद होने लगा। हालांकि लड़ते झगड़ते दोनों ने करीब 6 साल साथ निकाल दिए, लेकिन करीब 4 साल पहले पत्नी अपने मायके आ गई और फिर से ससुराल नहीं गई। दोनों का मामला मंगलवार को परिवार परामर्श केंद्र में पहुंचने पर पर पत्नी ने बताया कि पति अक्सर उसके घरवालों की बातों में आकर उसके साथ झगड़ा करता है, घर में खाने पीने का सामान नहीं लाता, ऐसे हालात में कैसे उसके साथ रहती। पति ने कहां कि उसे एक मौका दिया जाये, वह खुद को सुधरेगा। दोनों पक्षों को समझने पर पत्नी ने कहा कि यदि वह रायसेन में आकर उसके साथ रहे और अपने आप को सुधार तो वह साथ रहने को तैयार है। पति सब शर्तें मानकर पत्नी के साथ रहने तैयार हो गया।
इसके अलावा एक अन्य मामले में दूसरी पत्नी ने अपने पति की पहली पत्नी व उसके मायके वालों पर मारपीट करने व धमकाने की शिकायत की थी, दोनों पक्षों को साथ बैठकर उनमे आपसी सहमति से राजीनामा कराया गया। दोनों ने लिखित में वचन दिया कि वह एक दूसरे के जीवन मे दखल नहीं देंगे। पहली पत्नी का तलाक को लेकर मामला न्यायालय में चल रहा है, वे न्यायालय के फैसले का इंतजार करेंगे, आपस मे कोई विवाद नहीं करेंगे। मंगलवार को कुल 7 प्रकरण रखे गए, जिसमे से 2 में राजीनामा हुआ व 5 में अगली तारीख दी गईं है।
बैठक में एसडीओपी अनीता प्रभा शर्मा, अध्यक्ष कैलाश श्रीवास्तव, सलाहकार अशोक गुप्ता, चेतन राय, अनीता राजपूत, एएसआई अनिल वर्मा, प्रधान आरक्षक लक्ष्मण प्रसाद, आरक्षक लोकेंद्र मौर्य उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि एसपी विकास शहवाल के निर्देशन व एएसपी अमृतलाल मीणा के मार्गदर्शन में हर मंगलवार को एसडीओपी कार्यालय में परिवार परामर्श केंद्र की बैठक आयोजित की जाती है, जिसके माध्यम से पारिवारिक विवादों को आपसी सहमति से सुलझाने का प्रयास किया जाता है।
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