November 7, 2024
जिला रायसेन

डिजीटल इंडिया की ओर सरकार के बढ़ते कदमों पर शिक्षक लगा रहे पलीता

4 हजार से भी अधिक शिक्षकों को खरीदना हैं टैबलेट, 25 फीसदी ने भी नहीं खरीदे
28 फरवरी तक नहीं खरीदे टैबलेट तो जेब से खर्च करना होंगे पैसे
रायसेन। शिक्षा को और अधिक हाईटेक बनाने के उद्देश्य से प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को सरकार टैबलेट देने की तैयारी में है। साफ है कि बच्चों को रूचि वर्धक पढ़ाई की ओर आकर्षित करना है, लेकिन विडंबना यह है कि शिक्षक टैबलेट लेने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। डिजीटल इंडिया की ओर सरकार के बढ़ते कदम पर कुछ शिक्षक पलीता लगाने को आतुर हैं। इन हालातों को देखते हुए सरकार भी एक कदम आगे है, सरकार ने घोषणा कर दी है कि 28 फरवरी तक जिन शिक्षकों ने टैबलेट नहीं खरीदे हैं, उन्हें अपनी जेब से पैसा खर्च कर टैबलेट खरीदना होंगे।
राज्य शासन का स्पष्ट रुख है कि टैबलेट तो शिक्षकों को खरीदना ही पड़ेंगे फिर चाहे वे सरकार के पैसे से खरीदें या अपने पैसे से। रायसेन जिले में 4 हजार से अधिक प्राथमिक शाला के शिक्षकों को टैबलेट खरीदना है, लेकिन अधिकारियों की मानें तो अभी उन्हें रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन कम ही शिक्षकों ने टैबलेट क्रय किए हैं। प्राथमिक शाला के शिक्षकों के पास टैबलेट आ जाने से बच्चों की पढ़ाई रुचिकर हो जाएगी। ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से बच्चे और अधिक शिक्षा एवं ज्ञान अर्जित कर सकेंगे, इसी उद्देश्य को लेकर राज्य शासन ने यह योजना शुरू की है। लेकिन सवाल यह उठता है कि सरकार के इस हाईटेक शिक्षा को लेकर उठाए जा रहे कदम को लेकर शिक्षक कितने गंभीर हैं। शिक्षकों की इस उदासीनता को देखते हुए ही विभाग ने कठोर निर्णय लिया है। अधिकारियों ने भी शिक्षकों से अपील की है कि वे समयसीमा में टैबलेट खरीद लें और पोर्टल पर अपना वेरीफिकेशन कराते हुए राशि की डिमांड भेज दें। नहीं तो हर शिक्षक को जो टैबलेट नहीं खरीदता है उन्हें 10 हजार रुपए स्वयं के खाते से जमा करने होंगे। प्राथमिक शालाओं के विद्यार्थियों को स्कूल के अलावा टैबलेट के माध्यम से ऑनलाइन क्लास की सुविधा प्राप्त हो इसके लिए राज्य शिक्षा केन्द्र ने शिक्षकों को 10-10 हजार रुपए की राशि देने का ऐलान किया है। राज्य शिक्षा केन्द्र के उक्त फरमान के बाद जिले में कवायद तो शुरू हुई, लेकिन योजना रफ्तार नहीं पकड़ सकी। इसकी अहम वजह शिक्षकों की रुचि नहीं लेना बताया जा रहा है। विभागीय फरमान पर अगर गौर करें तो इससे शिक्षकों को काम बढ़ जाएगा, यही वजह है कि शिक्षक इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं। शिक्षक टैबलेट खरीदते हैं तो उनका ऑनलाइन प्रशिक्षण, शिक्षा विभाग से संबंधित आदेश, दिशा-निर्देश भी उसी पर प्राप्त होंगे। वे विद्यार्थियों को टैबलेट पर डिजिटल पोर्टल के माध्यम से प्राप्त सामग्री दिखाएंगे, ऑनलाइन शिक्षा भी देंगे।
चार वर्ष की रहेगी टैबलेट की कार्यशीलता अवधि
क्रय किए गए टैबलेट की कार्यशीलता अवधि चार वर्ष की आंकी गई है, चार वर्ष बाद उक्त टैबलेट शिक्षकों के ही हो जाएंगे। शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के बाद बिल और स्पेसिफिकेशन एमपीएसईडीसी के सहयोग से तैयार किए गए मॉड्यूल में दर्ज करना होगा। जिसके बाद देयकों के हिसाब से अधिकतम राशि 10 हजार रुपए संबंधित शिक्षक के बैंक खाते में अंतरित कर दी जाएगी। चार वर्ष तक टैबलेट को ट्रेक किया जाएगा, इसके बाद टैबलेट का मूल्य शून्य माना जाएगा और फिर शिक्षक इस टैबलेट को अपने पर्सनल यूज में ले सकता है।
काफी कम है टैबलेट खरीदने वाले शिक्षकों की संख्या
शिक्षकों को टैबलेट खरीदना अनिवार्य है, जिले में चार हजार से अधिक शिक्षकों को टैबलेट खरीदना है, लेकिन सरवर नहीं चलने के कारण पिछले दो दिनों से रिपोर्ट नहीं मिल पाई है कि कितने शिक्षकों ने टैबलेट खरीदे फिर भी उम्मीद से बेहद कम शिक्षकों ने ही अब तक टैबलेट क्रय किए हैं।
एसके उपाध्याय, डीपीसी, रायसेन

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