November 8, 2024
जिला रायसेन सेहत

साइबर इफेक्ट: शूटिंग वाले गेम्स ज्यादा कर रहा प्रभावित, तनाव और डिप्रेशन के बाद काउंसलर के पास पहुंच रहे अभिभावक

बच्चों को आक्रमक बना रहा है ऑनलाइन गेम्स, बदल रहा है व्यवहार,इन उपायों से बच्चों में लाया जा सकता है बदलाव

रायसेन।शूटिंग वाले गेम्स से अधिक प्रभावित।इंडिया डिजिटल वेलनेस रिपोर्ट के अनुसार बच्चे ज्यादातर शूटिंग वाले गेम्स के लत का शिकार होते हैं। बच्चों में मार-धाड़ वाले गेम खेलने की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं। यही वजह है कि अधिकांश माता-पिता बच्चों की इस आदत से परेशान हैं। काउंसलर का कहना है कि यह बीमारी एक सामान्य बौद्धिक क्षमता वाले बच्चों को ज्यादा हो रही है। इसका प्रमुख कारण ऑनलाइन गेमिंग बन रहा है। इस बीमारी के कारण कोई भी बच्चा ठीक तरह से एक काम को नहीं कर पा रहा है। इसके अलावा अकेले रहने वाली 25 से 33 साल के बीच की महिलाओं को भी यह बीमारी हो रही है।संतोष वर्गीस, एजूकेशल काउन्सलर
बच्चों को एक घंटे से ज्यादा मोबाइल न दें, अन्य कामो में भी लगाएं….
* बच्चों को समय दें उनसे बात करें और उन्हें समझने की कोशिश करें।
* मोबाइल गेम के अपेक्षा उन्हें दोस्तों के साथ बाहर खेलने भेजें।
अपनी अपेक्षाएं न थोपे, संझाने की कोशिश करें।
* स्वभाव में बदलाव दिखे तो मनोचिकित्सक या काउंसलर के पास लेकर जरूर जाएं।
एक्सपर्ट व्यू……
ऑनलाइन गेम्स वर्तमान दौर में बच्चों के विकास मेें आड़े आ रहा है। हर दिन गेम्स एडिक्ट के 2 से 3 मामले सामने आ रहे हैं। इससे बच्चों में आक्रामकता, चिड़चिड़ापन, गुस्सा करना, पागलों जैसी हरकत करना आदि समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में पेरेंट्स का कंट्रोल बहुत जरूरी है। यदि दोनों ही पेरेंट्स वर्किंग है तो किसी एक को बच्चे पर ध्यान देना जरूरी है। बच्चे का आउटडोर गेम्स में इन्वॉल्वमेंट बढ़ाएं। मोबाइल को कंट्रोल वे में बच्चों को दें।
रायसेन. ऑनलाइन गेम्स की लत से बच्चों के स्वभाव में लगातार बदलाव देखा जा रहा है। गेम्स के प्रभाव में बच्चे उग्र और चिड़चिड़े होते जा रहे हैं। मनोचिकित्सकों के मुताबिक इसका प्रमुख वजह ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान निकलने वाला डोपामिन हारमोन है। जो बच्चों को ऐसा करने में मदद करती है। ऐसे में आपके बच्चे को सही काउंसिलिंग व आपके समय की आवश्यकता है। ऐसा न होने पर बच्चा कोई भी गलत कदम उठा सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक यह समस्या पिछले तीन से चार सालों में ज्यादा बढ़ी है। इसके वजह से बच्चे जिद्दी व चिड़चिड़ेपन का शिकार हो रहे हैं। इन दिनों काउंसलरों के पास पहुंचने वाले बच्चों में वीडियो गेम से ही प्रभावित होकर आक्रामक स्वभाव के बच्चें अधिक हैं।

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