राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष का रायसेन दौरा
रायसेन। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने आज रायसेन जिले का दौरा किया। श्री कानूनगो ने बताया कि गौहरगंज में गोदी शिशु गृह जहां बच्चों के धर्मान्तरण का प्रयास किया जा रहा था, इस मामले में शिशु गृह के संचालक के ऊपर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उन्होंने बताया कि गौहरगंज स्थित गोदी शिशु गृह में तीन हिन्दू बच्चों के नाम को मुस्लिम नाम से दर्ज किया गया था।
जिला प्रशासन ने इस मामले में संचालक के ऊपर मध्यप्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम एवं अन्य धाराओं में मुकादमा कायम करवा दिया है, इसकी कॉपी भी दे दी गई है। उन्होंने बताया कि वे बच्चों से भी कल सागर में मिलकर आए हैं, जो अब अपने असली नाम से जाने जाते हैं। हालांकि अभी आधार कार्ड में नाम परिवर्तित नहीं हुआ है, उसकी भी कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा सुल्तानपुर वाला मामला अभी लंबित है यहां बच्चों को होस्टल में रखने की शिकायत मिली थी। इससे पूर्व आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने आज रायसेन जिले के गैरतगंज ब्लॉक में सेवा भारती संस्थान द्वारा कठिन परिस्थितियों में रह रहे बच्चों के डाटा सर्वेक्षण की मानिटरिंग की। गौरतलब है कि गैरतगंज में महिला बाल विकास विभाग एवं सेवा भारती द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के माध्यम से यह सर्वेक्षण कराया जा रहा है। सेक्टर स्तरीय इस सर्वेक्षण में 25 तरह की जानकारियां संकलित की जानी हैं। उत्कृष्ट विद्यालय गैरतगंज में आयोजित इस कार्यक्रम में महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी दीपक संकत, रायसेन जिले की सभी परियोजना अधिकारी, आईसीटीएस महिला बाल विकास अधिकारी संजय गहरवाल, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अतुल कृष्ण दुबे, बाल संरक्षण अधिकारी राजा वर्मा, सहित महिला बाल विकास विभाग के कर्मचारी गण मौजूद थे।
बाल कल्याण समिति कार्यालय का आकस्मिक निरीक्षण
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने आज रायसेन बाल कल्याण समिति कार्यालय का भी आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान समिति का कार्यालय बाल हितेषी नहीं पाया गया। कार्यालय प्रथम तल पर होने की वजह से दिव्यांगों को हो रही परेशनियों के मद्देनजर संबंधित अधिकारी को फटकार भी लगाई। कार्यालय में काउंसलर एवं सोशल वर्कर के बैठने की व्यवस्था नहीं है, कम जगह है। श्री कानूनगो ने आईसीपीएस के अधिकारी को एक माह में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं।
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