परिवार परामर्श केंद्र में मंगलवार को दो पारिवारिक विवादों में हुआ आपसी सहमति से राजीनामा
रायसेन। “जरा सा झगड़ा हुआ और पत्नी अपने भाई को बुलाकर मायके चली जाती है, मैं बच्चों के बिना नहीं रह पाता” ये कहते हुए पति की आंखे नम हो गईं, और उन्होंने वो सब बयां कर दिया, जो शायद वो मुँह से नहीं कह पा रहा था। पत्नी के बार-बार मायके चले जाना और कई-कई दिन तक नहीं लौटना, विवाद की वजह तो था, लेकिन मूल वजह थी पति का पत्नी से गहरा प्रेम, उसके बिना न रह पाने की पीड़ा। जिसे वह खुलकर कह तो नहीं पा रहा था, लेकिन उसकी आंखें सब कुछ कह गईं।
सिर्फ नफरत ही घर टूटने की वजह नहीं है, कई बात मन की बात न कह पाने की पीड़ा भी विवाद की वजह बन जाती है। एक मामले में पत्नी के बिना न रह पाने और उससे ये बात कह भी नहीं पाने की वजह से दम्मति में विवाद हो गया और पत्नी की इस बात की समझाइश देने की वह जरा-जरा में मायके न जाया कर, पति ने आवेदन दे दिया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद उनमे विवाद की कोई बड़ी वजह सामने नहीं आई, घर मे होने वाले मामूली झगड़े के बाद पत्नी मायके चली जाती और काफी दिन तक नहीं लौटती। इसी बात से पति काफी दुखी था, और बार वो यही बात कहती रहा कि इसे समझाएं कि ऐसी छोटी-छोटी बातों पर मायके न जाए और जो वो कह नहीं पा रहा था उसकी नम हो चुकी आँखों ने कह दिया। उसका पत्नी और बच्चों के प्रति प्रेम और उनसे दूर रहने की पीड़ा साफ नजर आ रही थी। दोनों को समझाया तो खुशी-खुशी साथ रहने को तैयार हो गए और आगे से अपनी गलतियां न दोहराने व एक दूसरे का ख्याल रखने का वादा किया।
एक अन्य मामले में पति-पत्नी के विवाद में परिजनों में मारपीट हो गई, जिसकी पति ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी। पति पत्नी का इस प्रकरण में समझाइश के बाद दोनों साथ रहे राजी हो गए, लेकिन पत्नी की शर्त थी कि जो मारपीट का मामला पति ने उनके घरवालों पर दर्ज कराया है, पहले उसमे राजीनामा हो तभी वह खुशी खुशी साथ रह पाएंगे। उसकी ये बात ठीक भी थी, दोनों परिवार कोर्ट-कचहरी में एक-दूसरे के खिलाफ खड़े रहते तो पति-पत्नी के रिश्ते में सुधार की संभवना कम थी। परिवार परामर्श केंद्र में उन्हें मारपीट के मामले में राजीनामा करने की सलाह दी, जिसमे राजीनामा होने पर पति-पत्नी के विवाद में भी दोनों की आपसी सहमति से राजीनामा कराया गया।
मंगलवार को बैठक में 5 प्रकरण रखे गए थे, दो में राजीनामा व एक प्रकरण में बार-बार नोटिस के बाद भी पति के उपस्थित नही होने पर पत्नी की सहमति से प्रकरण दर्ज कराया गया। 2 प्रकरण में आगामी तारीख दी गई है। बैठक में अध्यक्ष कैलाश श्रीवास्तव, सलाहकार अशोक गुप्ता, चेतन राय, अनीता राजपूत, प्रधान आरक्षक लक्ष्मण प्रसाद, आरक्षक लोकेंद्र मौर्य उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि एसपी विकास शहवाल के निर्देशन व एएसपी अमृतलाल मीणा के मार्गदर्शन में हर मंगलवार को एसडीओपी कार्यालय में परिवार परामर्श केंद्र की बैठक आयोजित की जाती है, जिसके माध्यम से पारिवारिक विवादों को आपसी सहमति से सुलझाने का प्रयास किया जाता है।
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“थोड़े से झगड़े में तू मायके चली जाती है, मैं नहीं रह पाता बच्चों के बिना”, कहते हुए भर आईं पति की आंखें
- by indiaflip
- May 23, 2023
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- 1 year ago
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