भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ दुष्कर्म के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के पास भेज दिया है और निर्देश दिया है कि इस मामले में नए सिरे सुनवाई करने के बाद फैसला सुनाए। सुप्रीम कोर्ट ने अलीपुर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास मामले को भेजा है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कैलाश विजयवर्गीय की ओर से दायर याचिका का निपटारा कर दिया है। कोलकाता हाइकोर्ट के आदेश के बाद कैलाश विजयवर्गीय, जिष्णु बसु और प्रदीप जोशी के खिलाफ बेहला महिला थाना और भवानीपुर थाने में 20 दिसंबर, 2021 को एफआईआर दर्ज की गई थी।
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने कलकत्ता हाईकोर्ट के 12 नवंबर, 2020 के आदेश की पुष्टि की जिसने मामले को वापस मजिस्ट्रेट के पास भेज दिया गया था। शीर्ष अदालत ने मामले में पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने के मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द कर दिया।
पीठ ने कहा, हम इस मामले को मजिस्ट्रेट के पास वापस भेज रहे हैं। वे इसकी जांच करें और अपने न्यायिक दिमाग का इस्तेमाल करते हुए जांच करें कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा- 156 (3) के तहत निर्देश जारी किया जाना है या नहीं अथवा धारा- 202 के तहत संज्ञान लिया जा सकता है या नहीं। मजिस्ट्रेट द्वारा पुलिस को प्रारंभिक जांच का भी निर्देश दिया जा सकता है। पीठ ने मजिस्ट्रेट को यह भी निर्देश दिया कि वह हाईकोर्ट के समक्ष अभियुक्त द्वारा रिकॉर्ड में लाए गए दस्तावेजों और ईमेल सहित सभी सामग्रियों पर विचार करें।
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