लामबंद होकर महिलाएं पहुंची कलेक्ट्रेट कार्यालय, हक अधिकारों को लेकर जमकर नारेबाजी भी की
रायसेन।सरकारी प्राइमरी मिडिल स्कूलों व मदरसों आंगनबाड़ियों में बच्चों को परोसा जाने वाले पीएम पोषण शक्ति योजना के तहत दोपहर भोजन को अब बंद कर देना चाहिए।इस मामले को लेकर रायसेन शहर सहित जिलेभर की महिला स्व सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं रसोइयों को दिए जाने वाले मानदेय की राशि में बढोत्तरी की जाए।यह ज्ञापन प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ मध्यान्ह भोजन सांझा चूल्हे को अब बंद करवा दिया जाए।
इस अवसर पर 9 सूत्रीय मांगों को ज्ञापन देने वालों महासंघ की प्रदेश अध्यक्ष सरिता ओमप्रकाश बघेल, संभाग प्रभारी भूरी बाई सरदार सिंह, संगठन की जिलाध्यक्ष मालती बाई रामसेवक सहित महिलाएं उपस्थित रहे।
ये है 9 सूत्रीय प्रमुख मांगें….
शासकीय प्राथमिक विद्यालयों में प्रति छात्र भोजन पकाने की लागत दर 5.45 पैसे की जगह 10 रुपये बढ़ाए जाएं।खाद्यान्न 100 ग्राम से बढ़ाकर दर 8.17 की बजाय 15 रुपये बढ़ाया जाए।साथ ही खाद्यान्न 150 ग्राम से बढ़ाकर 300 ग्राम किया जाए।
प्राइमरी, मिडिल स्कूलों में मध्यान्ह भोजन पकाने वाली रसोईया बहनों को मानदेय हर महीने 6 हजार प्रदान किया ।रसोईगैस सिलेंडर महंगा होने की वजह से समूहों के खातों में रिफण्ड किया जाए।
प्रांतीय महिला स्व सहायता समूह महासंघ को शासन की योजनाओं में चलाने के लिए भागीदार बनाया जाए।
स्कूलों में 2 से 3 सालों से साइकिल वितरण और यूनिफार्म का वितरण नहीं हुआ है ।यह सोचने की पहली है
ठेकेदारी प्रथा के चलते शालाओं में नल जल योजना का कार्यक्रम संपादित किया जाता है ।लेकिन पाइप लाइन एवं पानी की खराब गुणवत्ता घटिया पाइप टँकीयों के निर्माण की वजह से ज्यादा तर जल जीवन मिशन योजना बंद पड़ी हुई है। इस गड़बड़झाले की जांच की जाना चाहिए ।
यूनिफॉर्म और साइकिल वितरण महिला स्व सहायता समूह को महिला स्व सहायता समूह को शत प्रतिशत मध्यान्ह व भोजन का काम दिया जाए। स्कूलों अथवा छात्रावास हो या शाला प्रबंधन समिति शिक्षक ,अधीक्षक शिक्षकों के द्वारा दोपहर भोजन संचालन करने में छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती है ध। बिल्कुल सच है ।
पीओएस मशीन फिंगर से महिला स्व सहायता समूह खाद्यान्न प्राप्त होता है।जिससे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लगता है।पीओएस मशीनों को बंद किया जाए।
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