नई दिल्ली। इस साल के अंत में मध्य प्रदेश और राजस्थान सहित नौ और राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है। इससे पहले जनता के बीच अपना माहौल बनाने के लिए पार्टियों द्वारा जनता को लुभावने वाले वादे किए जा रहे है। एमपी और राजस्थान की बात की जाए तो अपनी-अपनी सरकार बचाने के लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने घोषणाओं की झड़ी लगा दी है। लेकिन अब इनकी परेशानी बढ़ने जा रही है। सुप्रीम ने रेवड़ी कल्चर को देखते हुइए सख्त रुख अपनाया है।
हाल ही में रेवड़ी कल्चर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया है कि करदाताओं के पैसे पर नकदी और अन्य मुफ्त के सामानों और सुविधाओं का वितरण किया जा रहा है। इस जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश और राजस्थान को नोटिस जारी किया है। इतनी ही नहीं साथ में ने चुनाव आयोग से 4 हफ्ते के अंदर जवाब भी मांगा है। इस मामले को वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर पुराने मामले के साथ सूचीबद्ध किया गया है।
आयोग ने कहा था- फ्री स्कीम्स की परिभाषा आप ही तय करें
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान 11 अगस्त को चुनाव आयोग ने कहा कि फ्रीबीज पर पार्टियां क्या पॉलिसी अपनाती हैं, उसे रेगुलेट करना चुनाव आयोग के अधिकार में नहीं है। चुनावों से पहले फ्रीबीज का वादा करना या चुनाव के बाद उसे देना राजनीतिक पार्टियों का नीतिगत फैसला होता है।इस बारे में नियम बनाए बिना कोई कार्रवाई करना चुनाव आयोग की शक्तियों का दुरुपयोग करना होगा। कोर्ट ही तय करें कि फ्री स्कीम्स क्या है और क्या नहीं। इसके बाद हम इसे लागू करेंगे।
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स्कूटी, लैपटॉप और लाडली बहना जैसी योजनाओं पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, मध्यप्रदेश-राजस्थान सरकार सहित चुनाव आयोग को नोटिस जारी
- by indiaflip
- October 6, 2023
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