इंदौर। एक नाबालिग पर पुलिस द्वारा लगाए गए अपहरण एवं रेप के केस क्षुब्ध होकर उसने ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी थी। मामला शनिवार का है, गुस्साए परिजनों ने आज चक्का जाम करने की कोशिश की जिसे रोकने पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। अपहरण और रेप के केस में पुलिस ने पूछताछ के लिए उसे थाने पर बुलाया था। यहां से निकल कर वह सीधे रेलवे क्रासिंग पर पहुंचा और जान दे दी थी। गुस्साए परिजनों ने पहले शनिवार रात एबी रोड पर चक्का जाम किया था। यहां पुलिस ने जांच का आश्वासन दिया तो परिजन चले गए। दूसरे दिन रविवार को फिर से यहां गुस्साए परिजन शव लेकर पहुंचे और चक्का जाम की कोशिश की। इस दौरान भीड़ हटाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा। रविवार देर रात इस मामले में पुलिस ने 100 लोगों पर FIR दर्ज की है।
TI संतोष दूधी की शिकायत पर पहली FIR लसूड़िया पुलिस ने दर्ज की है। जिसमें उन्होंने विशाल निवासी कैलोद हाला और 80 से ज्यादा लोगो को आरोपी बनाया है। टीआई ने अपनी FIR में बताया है कि कैलोद हाला के 17 साल के लड़के की मौत के बाद उन्हें जानकारी लगी थी कि कुछ लोग थाने पर प्रदर्शन करने वाले हैं। जिस पर बैरिकेड्स लगाकर फोर्स तैनात किया गया था। इस मामले में गुस्साए लोग थाने पर पहुंचे और लड़की के परिजनों पर केस दर्ज कर गिरफ्तारी के बाद उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग करने लगे। लोग नाबालिग लड़की को थाने पर बुलाने की जिद भी कर रहे थे। इस मामले में पुलिस ने पहले उन्हें समझाने की कोशिश की। लेकिन आक्रोशित परिजन सड़क पर बैठ गए और कार्रवाई नहीं करने पर गाड़ियों में पथराव के साथ शहर में आग लगाने की बात करने लगे। रात में पुलिस ने भीड़ को हटने के लिए अनाउंसमैंट कराते हुए चेतावनी दी। लेकिन जब भीड़ नही हटी तो पुलिस ने वीडियो ग्राफी करवाकर भीड़ को बल प्रयोग के जरिए तितर-बितर कर दिया।
रविवार को इस मामले में गुस्साए परिजन फिर थाने पर पहुंचे और चक्का जाम का प्रयास किया। भीड़ ने ऑटो रिक्शा में सवारी लेकर जा रहे विनोद चौहान को रोका और सवारी को जबरन उतारने का प्रयास कर गाड़ी में आग लगाने की धमकी दी। ऑटो में तोड़फोड़ की कोशिश भी की गई। इस मामले में पुलिस ने दूसरी FIR में विनोद की शिकायत पर विशाल, धर्मेन्द्र, विनोद और लोकेश सहित 20 से अधिक लोगों के खिलाफ चक्का जाम करने, धमकाने सहित अन्य मामलों में केस दर्ज किया है।
एसआई और सिपाही लाईन अटैच
इस मामले में ADCP राकेश व्यास ने नाबालिग की मौत के मामले में लापरवाही बरतने वाले एसआई मुनीष पांडे और आरक्षक नरेन्द्र मंडेलिया को लाईन अटैच किया है। बताया जाता है कि एसआई के कहने पर ही सिपाही नाबालिग को घर लेने गया था।