गेहूं उपार्जन की राशि नहीं मिलने से परेशान था किसान
रायसेन। मंगलवार को जिला प्रशासन की सांसें उस वक्त फूल गईं जब एक किसान हाथ में रस्सी और सेल्फास की गोलियां लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा। दरअसल किसान अपनी उपज की राशि न मिलने से परेशान था। बार-बार शिकायत, आवेदन, निवेदन करने के बाद भी जब उसकी सुनवाई नहीं हुई तो उसने कलेक्ट्रेट परिसर में ही आत्महत्या करने का निश्चय कर लिया। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने तत्परता दिखाते हुए किसान को ऐसा करने से रोक लिया, वहीं कलेक्टर अरविंद दुबे ने मौके पर ही संबंधित अधिकारी से फोन पर बात कर किसान को भरोसा दिलाया है कि उसे उसके पैसे जल्द ही दिलवा दिए जाएंगे।
मामला रायसेन के नजदीकी ग्राम माखनी का है, जहां के किसान प्रदीप लोधी ने अपनी गेहूं की फसल सावित्री वेयर हाउस सेवा सहकारी संस्था रायसेन में उपार्जित की थी, करीब 145 क्विंटल फसल का भुगतान किसान को अब तक नहीं हो सका है, प्रदीप लोधी ने इसकी शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक से की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। अपनी आर्थिक स्थिति बिगडऩे की वजह से परेशान किसान ने आज यह आत्मघाती कदम उठाया। मंगलवार को जिला कार्यालय में जनसुनवाई का आयोजन चल रहा था, उसी वक्त सुबह करीब 11 बजे किसान प्रदीप लोधी एक हाथ में सेल्फास की गोली और दूसरे हाथ में रस्सी लेकर रोता बिलखता कलेक्ट्रेट परिसर में दाखिल हुआ और आत्महत्या करने का प्रयास किया। सूचना मिलते ही होमगार्ड सैनिकों के साथ डिप्टी कलेक्टर मकसूद अहमद खान किसान के पास पहुंचे और उसे ऐसा करने से रोका। किसान प्रदीप को कलेक्टर के चैम्बर तक लेजाया गया, जहां कलेक्टर अरविंद दुबे स्वयं अपने चैम्बर से बाहर आकार किसान के पास पहुंचे, उसे अपने पास बैठाया और उसकी समस्या सुनीं। कलेक्टर ने किसान को जल्द ही राशि दिलाए जाने का भरोसा दिलाया है।