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कान पकड़कर पति बोला अब नहीं पीयेगा शराब, तब साथ रहने राजी हुई पत्नी

दो पारिवारिक विवादों में पति के शराब से तौबा करने पर हुआ राजीनामा

रायसेन। पति द्वारा शराब पीकर गाली-गलौच व मारपीट करने से परेशान होकर पत्नी मायके चली गई। मामला परिवार परामर्श केंद्र में पहुचने पर, पत्नी ने बताया कि जब तक पति शराब छोड़ने की कसम नहीं लेता, वह उसके साथ नहीं रहेगी। पति ने कान पकड़कर बोला कि वह अब कभी शराब नहीं पीयेगा साथ ही उसने पत्नी के साथ मारपीट के लिए भी उससे माफी मांगी।
शराब के कारण दो परिवार उजड़ने की कगार ओट पहुँच गए थे।

ग्राम मासेर निवासी एक महिला इसी वजह से पाने पति को छोड़कर मायके चली गई। महिला ने बताया कि उसके घर में विवाद सिर्फ पति के शराब पीने की वजह से होता है, शराब पीकर पति मारपीट करता है। वैसे वो ठीक रहता है। उसने कहा कि अब यदि पति शराब पीयेगा तो वह उसके साथ नहीं रहेगी। पति ने कान पकड़कर कसम ली कि आज के बाद वह शराब नहीं पीयेगा। पति के अस्वाशन पर पत्नी उसके साथ रहने को राजी हो गई। इसी तरह एक अन्य मामले में भी पति की शराब पीने की लत से परेशान पत्नी ने शिकायत की थी। इस प्रकरण में भी पति ने लिखित में शराब न पीने का वचन दिया है।
मंगलवार को बैठक में कुल 11 प्रकरण रखे गए थे, जिसमें से 4 प्रकरण निराकृत किए गए। शेष 7 मामलों में पक्षकारों के अनुपस्थित रहने से आगामी तारीख दी गई है। बैठक में एसडीओपी श्रीमती अनीता प्रभा शर्मा, अध्यक्ष कैलाश श्रीवास्तव, सलाहकार अशोक गुप्ता, चेतन राय, अनीता राजपूत, एएसआई अनिल वर्मा, प्रधान आरक्षक लक्ष्मण प्रसाद, आरक्षक लोकेंद्र मौर्य उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि एसपी विकास शहवाल के निर्देशन व एएसपी अमृतलाल मीणा के मार्गदर्शन में हर मंगलवार को एसडीओपी कार्यालय में परिवार परामर्श केंद्र की बैठक आयोजित की जाती है, जिसके माध्यम से पारिवारिक विवादों को आपसी सहमति से सुलझाने का प्रयास किया जाता है।
तानों से तंग आकर घर तोड़ने चली थी पत्नी
जरूरी नहीं कि शारीरिक प्रताड़ना ही आहत करती है, कई बार मानसिक प्रताड़ना उससे कहीं अधिक गहरे घाव कर देती है। ससुसाल में आए दिन सास, ननद, बुआसास आदि के तानों से एक बहू इतनी तंग आ गई कि उसने अपने दाम्पत्य जीवन को खत्म करने का मन बना किया था। मामला परिवार परामर्श में आया तो पत्नी पहले तो पति के साथ रहने से साफ इंकार करने लगी। दूसरी काउंसलिंग में ससुराल के सभी सदस्यों को बुलाकर सख्त हिदायत दी गई कि वह आगे से बहू की प्रताड़ित नहीं करेंगे। सभी ने वचन दिया कि अब ऐसा नहीं होगा, लेकिन बहु अब किसी भी हाल में उस घर में रहने को राजी नहीं थी, जिस पर पति ने आश्वासन दिया कि वह अगले 4 महीने में अलग रहने का इंतजाम कर लेगा। इस अस्वाशन और परिवार परामर्श केंद्र की समझाइश के बाद पत्नी ससुराल में रहने को राजी हो गई। दोनों पक्षों की आपसी सहमति से प्रकरण में राजीनामा कराया गया।

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