पठारी स्थित जिला जेल में शनिवार को अल्पविराम के दूसरे सत्र का हुआ आयोजन
रायसेन। पठारी स्थित जिला जेल में शनिवार को अल्पविराम सत्र से दौरान कैदी उस समय भावुक हो गए, जब उन्हें एक प्रक्रिया में तहत खुद के मिलवाया गया। इस दौरान उन्होंने अपनी खुद की गलतियों को देखा और उन्हें सुधारने का संकल्प भी लिया। स्वयं से मुलाकात के दौरान कई कैदियों के आंसू भी निकल आए।
शनिवार को जिला जेल में राज्य आनंद संस्थान द्वारा अल्पविराम के दूसरे सत्र का आयोजन किया गया। इससे पहले गुरुवार को आयोजित किए गए पहले सत्र में मास्टर ट्रेनर प्रदीप मेहतो व चेतन राय ने विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से कैदियों को वास्तविक आनंद की अनुभूति कराने का प्रयास किया। सत्र के अंत मे वह कृतज्ञता का महत्व समझ पाए, उन्होंने जेलर के प्रति कृतगता जताते हुए कहा कि जेल में उन्हें बहुत अच्छी सुविधाएं मिल रही हैं।
कलेक्टर अरविंद दुबे एवं जिपं सीईओ व आनंद विभाग की नोडल श्रीमती मंजू पवन भदौरिया के निर्देशन व जेलर आरके चौरे के सानिध्य में शनिवार को अल्पविराम के दूसरे सत्र का आयोजन किया गया। सत्र की शुरुआत चेतन राय ने मदद और कृतज्ञता के महत्व को बताया। कैदियों ने भी मदद से जुड़े अपने जीवन के अनुभव साझा किए। वे बड़े ही सहज तरीके से समझ पाए कि मदद क्या है, कैसे ये हमारे जीवन मे आनंद का स्रोत बनती है।
प्रदीप मेहतो ने संपर्क, सुधार और दिशा की प्रक्रिया को विस्तार से बताते हुए कैदियों की स्वयं से मुलाकात कराई और उन्हें खुद को बिना किसी मुखोटे के देखने के लिए प्रेरित किया। इस प्रक्रिया के दौरान कई कैदी खुद का ही असली चेहरा देखकर रो पड़े, उनकी आंखें नम हो हैं। साथ ही उन्होंने स्वयं के भीतर नजर आईं कमियों को ठीक करने का संकल्प भी लिया।