इसमें कोई दो मत नहीं हैं कि वर्तमान समय में टीवी हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। आजकल, अपने खाली समय में टीवी के सामने बैठकर समाचार सुनना, फिल्में व नाटक देखना या क्रिकेट, फुटबॉल जैसे खेलों का आनंद लेना एक आम बात हो गई है। बच्चे, बूढ़े सभी टीवी का नियमित रूप से उपयोग करते हैं।
कोंपैक कंपनी के सीईओ अमिताभ तिवारी ने बताया कि 20वी शताब्दी के पूर्वार्ध में विकसित हुए इस उपकरण को मानव इतिहास के सबसे महान आविष्कारों में गिनना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। बीते सालों में टेलीविजन हमारी दिनचर्या का ऐसे हिस्सा बन गया है कि इसके बिना अपने जीवन की कल्पना करना मुश्किल है। आप यह तर्क दे सकते हैं कि भारत में स्मार्टफोन उपभोक्ता की संख्या बढ़ने के बाद से टीवी का उपयोग कुछ कम हुआ है परंतु इसके बावजूद भी देश के अधिकतर घरों में मोबाइल फोन से ज्यादा टीवी ही इस्तेमाल किया जाता है।
इलेक्ट्रॉनिक टीवी ने ली जगह
गौरतलब है कि टीवी के इस्तेमाल की यह स्थिति ज्यादा पुरानी नहीं है। 90 के दशक से पहले टीवी को एक लग्जरी वस्तु ही समझा जाता था, एक ऐसा उपकरण जिसका उपयोग केवल पैसे वाले लोग ही कर सकते थे। धीरे-धीरे टीवी मिडिल क्लास लोगों के घरों में पहुंचने लगा और आज यह स्थिति है कि एक गरीब से गरीब इंसान भी कुछ पैसे जोड़कर एक सस्ता सा टीवी खरीद ही लेता है। इसमें टीवी की मौजूदा कीमतों का भी बहुत बड़ा योगदान है। तकनीकी विकास के कारण आज टीवी के दाम पहले की तुलना में सैकड़ों गुना कम हो गए हैं। समय के साथ टेलीविजन तकनीक में भी काफ़ी बदलाव आ गया है। शुरुआत में मैकेनिकल टीवी अस्तित्व में आया जो पहले से रिकॉर्ड किए गए छायाचित्रों को तुरंत नहीं दिखा पता था। इसी कारण उसका उपयोग कम होता गया और उसकी जगह इलेक्ट्रॉनिक टीवी ने ले ली।