रायसेन। घर मे कोई झगड़ा विबाद हो या पत्नी बीमार हो जाए तो पति अपने साले, ससुर को बुलाकर उसे मायके भेज देता। बार-बार की इन हरकतों से परेशान होकर पत्नी ने उसके साथ रहने से ही मना कर दिया था, लेकिन परिवार परामर्श केंद्र में मामला आने पर पति को सख्ती से समझाइश दी गई तो पति ने उसका सब तरह से ख्याल रखने वादा किया। इसके बाद पत्नी भी उसके साथ रहने को राजी हो गई।
परिवार परामर्श केंद्र में पत्नी ने आवेदन देकर बताया था कि उसका पति उसे बहुत परेशान करता है, बात-बात पर उसे घर से भगा देता है। जब वह बहुत बीमार हुई, तब भी उसे मायके भेज दिया, मायके वालों ने ही उसका इलाज कराया। पति के अनुसार उसके मायके वाले ही उसे लेकर जाते है। लेकिन दोनों पक्षों से पूछताछ में सामने आया कि जब कभी पति पत्नी में कोई झगड़ा होता तो वह साले को फोन लगाकर बुला लेता और मायके भेज देता, साथ ही वह घर के जरूरी सामान के लिए पत्नी को तरसाता था, जिससे उनमें झगड़ा होता। पति को समझाइश दी गई कि वह आगे से घर की जरूरतों का पूरा ख्याल रखेगे और बार बार उसे घर ने नहीं भगाएगा। दोनों पक्षों की सहमति से प्रकरण में राजीनामा कर पत्नी को ससुराल भेजा गया। मंगलवार को बैठक में 9 प्रकरण रखे गए थे, जिसमे से 3 निराकृत किये गए व शेष में आगामी तारीख दी गई है।
बैठक में एसडीओपी श्रीमती अनीता प्रभा शर्मा, अध्यक्ष कैलाश श्रीवास्तव, सलाहकार अशोक गुप्ता, चेतन राय, अनीता राजपूत, एएसआई अनिल वर्मा, प्रधान आरक्षक लक्ष्मण प्रसाद, आरक्षक लोकेंद्र मौर्य उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि एसपी विकास शहवाल के निर्देशन व एएसपी अमृतलाल मीणा के मार्गदर्शन में हर मंगलवार को एसडीओपी कार्यालय में परिवार परामर्श केंद्र की बैठक आयोजित की जाती है, जिसके माध्यम से पारिवारिक विवादों को आपसी सहमति से सुलझाने का प्रयास किया जाता है।