IndiaFlipNews राज्य मध्य प्रदेश जिला रायसेन परिवार परामर्श केंद्र ने सुलझाया पति-पत्नी के बीच विवाद का मामला
जिला रायसेन मध्य प्रदेश

परिवार परामर्श केंद्र ने सुलझाया पति-पत्नी के बीच विवाद का मामला

पत्नी ने कर दिया था साफ मना, डेढ़ महीने बाद हुए साथ रहने राजी
परिवार परामर्श केन्द्र में हुईं 6 काउंसलिंग के बाद हो पाया राजीनामा
रायसेन। पति-पत्नी के विवाद का एक प्रकरण करीब डेढ़ महीने पहले परिवार परामर्श केन्द्र में आया था, जिसमें दोनों पक्षों की काउंसलिंग के बाद पहले तो पत्नी ने पति से साथ रहने से साफ मना कर दिया था, लेकिन लगातार प्रयास और काउंसलिंग के बाद आखिरकार दोनों साथ रहने को राजी हो गए। मंगलवार को दोनों एक साथ आकर राजीनामा कराया।
साथ ही दोनों ने कहा कि अब उनके बीच कोई विवाद नहीं है, न ही उन्हें एक दूसरे से कोई शिकायत है। दोनों के इस निर्णय पर परिवार परामर्श केन्द्र ने उन्हें बधाई दी व उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इसके अलावा एक अन्य मामले में पति व उसकी बहन से परेशान होकर पत्नी अपने मायके में आकर रहने लगी थी। पति-पत्नी दोनों भोपाल में रहने थे, वहीं पर पति की बहन जो भोपाल में नर्सिंग का कोर्स करती है वह भी साथ रहती है। िकसी बात को लेकर ननद-भाभी में विवाद हो गया, जिस पर पति ने पत्नी के साथ मारपीट कर दी। इसी बात से दोनों के रिश्तों में दरार आ गई थी। काउंसलिंग के बाद पति ने कहा अब वह ऐसी कोई गलती नहीं करेंगा, साथ ही पति की मां ने भी कहा िक वह भी इस बात का ध्यान रखेगी की अब दोनों की बीच कोई विवाद न हो, बेटी को वे कहीं और रहने की व्यवस्था कर देंगे। दोनों की आपसी सहमति से राजीनामा किया गया।
मंगलवार को परिवार परामर्श केन्द्र की बैठक में कुल 15 प्रकरण रखे गए थे। जिसमें से 13 में सुनवाई की गई, दो प्रकरणों में पक्षकारों के अनुपस्थित रहने से सुनवाई नहीं हो सकी। 13 मे से 5 प्रकरणों का िनराकरण किया गया, शेष 8 प्रकरणों में पक्षकारों को आगामी तारीख दी गई है।

बैठक में एसडीओपी श्रीमती अनीता प्रभा शर्मा, अध्यक्ष कैलाश श्रीवास्तव, सलाहकार अशोक गुप्ता, चेतन राय, अनीता राजपूत, एएसआई अनिल वर्मा, प्रधान आरक्षक लक्ष्मण प्रसाद, आरक्षक लोकेंद्र मौर्य उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि एसपी विकास शहवाल के निर्देशन व एएसपी अमृतलाल मीणा के मार्गदर्शन में हर मंगलवार को एसडीओपी कार्यालय में परिवार परामर्श केंद्र की बैठक आयोजित की जाती है, जिसके माध्यम से पारिवारिक विवादों को आपसी सहमति से सुलझाने का प्रयास किया जाता है।

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