रायसेन.जिले भर में सड़क, डेम, रेलवे लाइन सहित अन्य विकास कार्यों के लिए बड़ी संख्या में पेड़ों की कटाई हुई है। जितने पेड़ काटे गए हैं, उससे चार गुना ज्यादा पौधरोपण किया जाना है। विकास कार्य के लिए काटे गए पेड़ों के हिसाब से पौधरोपण के लिए वन विभाग को निर्माण करने वाली कंपनियों से बड़ी मात्रा में राशि भी मिली है। इसके अलावा शासन प्रशासन से भी वन विभाग को पौधरोपण के लिए हर साल अलग से बजट प्राप्त होता है। इससे वन विभाग ने बड़े स्तर पर पौधरोपण करने की तैयारी कर ली है। जिले में 2500 हेक्टेयर क्षेत्र में करीब 11 लाख पौधे लगाने की तैयारी वन विभाग रायसेन ने कर ली है। पौधा लगाने से लेकर उसकी एक साल तक सुरक्षा करने में करीब 10 करोड़ से अधिक की राशि खर्च होगी। वन विभाग ने जिले के वन क्षेत्र में पौधरोपण करने के लिए नए प्लांटेशन क्षेत्र भी तैयार कराए हैं। जहां पर पौधे लगाने के लिए प्रत्येक वन मंडल ने अप्रैल में ही पौधरोपण से जुड़े कार्य पूरे कर लिए हैं। इसमें गड्ढे की खुदाई, मिट्टी, खाद की व्यवस्था, मिट्टी परीक्षण, पौधरोपण स्थल पर फेंसिंग सहित अन्य कार्य शामिल हैं।
औषधीय और विलुप्त हाेते जा रहे पाैधाें का भी किया जाएगा राेपण…..,
नर्सरी में यह पौधे किए तैयार
रायसेन जिले की 8 नर्सरियों में पौधरोपण के लिए पौधे तैयार कर लिए गए हैं। इनमें सागाैन, आंवला, बहेड़ा, महुआ, धावड़ा, आम, जाम, बबूल, बरगद, करंज, अंजन, पारस पीपल, जामुन, पीपल, नीम सहित 50 प्रजातियां शामिल हैं।
2% क्षेत्र में विलुप्त पौधे लगाएंगे….
रायसेन वन परिक्षेत्र अधिकारी आरकेएस चौधरी ने बताया कि जिले के वन परिक्षेत्र के दो प्रतिशत क्षेत्र में उन विलुप्त प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे। धीरे-धीरे नष्ट होते जा रहे हैं, उनमें बीजा साल का पेड़ भी शामिल है। इस पेड़ का उपयोग डायबिटीज को कंट्रोल करने में किया जाता है। इसके गिलास बनाए जाते हैं, जिसका पानी पीने से डायबिटीज के रोगियों को फायदा मिलता है। बीजा साल सहित अन्य विलुप्त प्रजातियों के पौधे भी नर्सरी में तैयार करवाए गए हैं, जिनके पौधे भी प्लांटेशन वाले क्षेत्र में लगाए जाएंगे।
जंगल में सीड बॉल से होगी हरियाली…..
पौधे तैयार करने के अलावा जंगल में सीड बॉल से भी हरियाली बढ़ाई जाएगी। रायसेन और औबेदुल्लागंज डिवीजन की सभी रेंजों में एक लाख से ज्यादा सीड बॉल भी तैयार कराई गई है।इन्हें भी जंगलों में डालने का काम डिप्टी रेंजर को सौंपा गया है। इन सीड बॉल से भी जंगल में हरियाली बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
पाैधराेपण की व्यवस्थाएं पूरी….
जिले भर में बारिश के सीजन में 2500 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधारोपण करने का लक्ष्य तय किया गया है। इस क्षेत्र में करीब 11 लाख पौधे लगाए जा रहे हैं। इसके लिए पौधों को तैयार करने के साथ सभी प्रकार की व्यवस्थाएं जुटा ली गई हैं। डेढ़ माह के भीतर पौधारोपण कार्य को पूर्ण कर लिया जाएगा।
-विजय कुमार, डीएफओ रायसेन
नॉलेज: पौधरोपण के बाद 75 फीसदी पौधे सुरक्षित रखना बहुत जरूरी…..
वन विभाग द्वारा दो प्रकार से पौधरोपण किया जाता है। एक कंपलशेसन सेफ्टी प्लांटेशन और दूसरा बिगड़े वनाें को सुरक्षित करने के लिए शामिल है। कंपलशेसन सेफ्टी प्लांटेशन में वन विभाग को सड़क, डेम, रेलवे और अन्य विकास कार्य के लिए काटे गए पेड़ों के एवज में चार गुना पौधा लगाने के लिए राशि प्राप्त होती है। इसमें पौधरोपण के बाद 75 फीसदी पौधों का जीवित रहना अनिवार्य है। यदि इतनी मात्रा में पेड़ सुरक्षित नहीं बचते हैं तो उसमें रिकवरी का भी प्रावधान है। इसके अलावा बिगड़े वन सुधारने के लिए वन मंडल के लिए किसी प्रकार का बजट नहीं मिलता है। इस प्लांटेशन में भी वन कर्मियों को 25 फीसदी पौधों को सुरक्षित रखना जरूरी है।