भोपाल। शुक्रवार को मध्य प्रदेश विधानसभा में हंगामे के बाद सदन की कार्रवाई को 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के निलंबन के बाद कांग्रेस द्वारा सदन में किए गए हंगामे को देखते हुए ऐसा हुआ है। प्रदेश के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को गुरुवार के दिन सदन में भ्रामक और झूठे बयान देने को लेकर विधानसभा स्पीकर द्वारा उन्हें निलंबित कर दिया गया था। इस बाबत कांग्रेस पार्टी द्वारा जमकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार के दिन मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस द्वारा किए जा रहे हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को 13 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। बीते कल जीतू पटवारी को निलंबित किए जाने के बाद कांग्रेस ने इस कार्रवाई को लोकतंत्र का गला घोंटने वाला और हत्या करार दिया। इस बाबत बाद में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाश के आवास पर एक बैठक की गई थी और पार्ट द्वारा सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया कि विधानसभा स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। कमलनाथ ने इस बाबत कहा कि स्पीकर सत्ता पक्ष के दबाव में काम कर रहे हैं। हम स्पीकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।
बता दें कि जीतू पटवारी को गुरुवार के दिन सदन के पटल पर कथित भ्रामक और झूठे बयान देने के आरोप में विधानसभा के चल रहे बजट सत्र के शेष भाग के लिए निलंबित कर दिया गया। पटवारी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में भाग लेते हुए राज्य के चिड़ियाघरों और राष्ट्रीय उद्यानों से गुजरात के जामनगर में ग्रीन जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर में बाघों, तेंदुओं, लोमड़ियों और अन्य जानवरों के स्थानांतरण का मुद्दा उठाया था। उन्होंने दावा किया कि बाघ, तेंदुए, घड़ियाल और लोमड़ियों के बदले में मध्य प्रदेश को छिपकली, पक्षी और तोते मिले थे।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने सत्तारूढ़ भाजपा के कार्यकर्ताओं के लिए कार्यक्रमों के खाद्य बिलों का भुगतान किया था, जैसा कि 2019 में साथी कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी के प्रश्न के विधानसभा उत्तर में उल्लेख किया गया था। इस मुद्दे को लेकर सदन में सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच शोरगुल देखा गया, भाजपा विधायकों ने पटवारी के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बनाया। इस मुद्दे पर सदन को दो बार स्थगित करना पड़ा। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पटवारी के बयानों पर प्रश्न उठाते हुए कहा, पटवारी ने सिर्फ प्रचार के लिए और अपने राजनीतिक कद को ऊंचा करने के लिए नियमित रूप से भ्रामक और झूठे बयान देकर सदन की गरिमा को गिराया था। हम उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं।