दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान व लोक प्रशासन पर लिखी पुस्तक का सीएम ने किया विमोचन
रायसेन। प्रदेश की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षा लोक सेवा आयोग की तैयारी कर रहे प्रतिभागी अब रायसेन जिले के जीवन एस रजक की पुस्तक पढ़ेंगे। दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान व लोक प्रशासन पर लिखी पुस्तक का विमोचन शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। इस मौके पर जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट भी उपस्थि रहे। पुस्तक के लेखक डॉ. जीवन रजक मूलतः रायसेन से 10 किमी दूर सागर रोड पर बसे ग्राम अमरावद के रहने वाले हैं। वर्तमान में वह मध्यप्रदेश शासन में संयुक्त कलेक्टर व जल संसाधन मंत्री के विशेष सहायक हैं।
पुस्तक के विमोचन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लेखक जब एक पुस्तक लिखता है, तो वह अपना पूरा अनुभव साझा करता है । अभ्यार्थी इस पुस्तक को पढ़कर काफी कुछ हासिल कर सकते हैं। मंत्री श्री सिलवाट ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी द्वारा पुस्तक लिखना एक सरहानीय कार्य है। इतनी व्यस्तताओं के बीच भी समय निकलकर पुस्तक लिखना आसान नहीं है।
लेखक डॉ. रजक ने बताया कि पुस्तक सरल और सहज भाषा में लिखी गई है। पुस्तक में अभ्यर्थियों की आवश्यकताओं को देखते हुए सामग्री तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि पुस्तक में दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान एवं लोक प्रशासन के बारे में सरल तरीके से उल्लेख किया गया है। ये तीनों विषय लोगों के जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि यह व्यक्ति की समस्याओं का मूल्यांकन और समाधान करने की क्षमता को बढ़ाते हैं ।
लेखक के बारे में
डॉ. जीवन एस. रजक मध्यप्रदेश शासन में संयुक्त कलेक्टर के पद पर तैनात हैं तथा वर्तमान में वे जल संसाधन, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट के विशेष सहायक के रूप में कार्यरत् हैं। इससे पहले उन्होंने क्रमशः 6 वर्षों तक वाणिज्यिक कर अधिकारी और 08 वर्षों तक खाद्य सुरक्षा अधिकारी के रूप में मध्यप्रदेश प्रशासन की सेवा की। डिप्टी कलेक्टर (जो राज्य सिविल सेवा में सर्वोच्च पद है) के रूप में चयनित होने के अतिरिक्त डॉ. रजक ने उप पुलिस अधीक्षक, वाणिज्यिक कर अधिकारी, सहायक वन संरक्षक, वन क्षेत्रपाल, वाणिज्यिक कर निरीक्षक, आबकारी उप निरीक्षक, वरिष्ठ लेखा परीक्षक आदि पदों पर चयनित हो चुके हैं। डॉ. रजक जीव-विज्ञान में स्नातक एवं लोक प्रशासन और दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं। उन्होंने आपदा प्रबंधन में पी.एच.डी., मास्टर डिप्लोमा और यू.जी.सी. नेट पास किया। एक सरकारी अधिकारी होने के साथ-साथ वे सुपरिचित युवा लेखक एवं कवि भी हैं। भारतीय संस्कृति, धर्म के अध्येता, चिंतक एवं विचारक के रूप में भी वह प्रख्यात हैं। डॉ. जीवन एस. रजक के समसामयिक विषयों, धर्म, अध्यात्म, समाज जागरण आदि विषयों पर आलेख देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों में नियमित रूप से प्रकाशित होते हैं। उन्होंने अब तक तीन काव्य संग्रह लिखे हैं :- एहसास, अंतर्मन और तुम्हारे न होने से ।