रायसेन। एक दो साल नहीं बल्कि पूरे 6 साल गुजर जाने के बाद भी तहसील रायसेन सर्किल में पत्थर फर्सी खदानों की लीज अवधि समाप्त हो जाने के बाद बाद भी यह ठेकेदार दिन रात अवैध रूप से ब्लास्टिंग कर पत्थर फ़रसियों और बोल्डरों की खुदाई करवा रहे हैं ।यह ठेकेदार राजस्व और माइनिंग विभाग की जमीनों पर सालों से काबिज हैं ।जहां अवैध रूप से पत्थर फसी और बोल्डरों का अवैध उत्खनन करवा कर बाजार में महंगे दामों में बेचकर जमकर कमाई कर रहे हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि माइनिंग विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों को इसकी कोई जानकारी नहीं हो ।इसके बावजूद भी वह कमाई के लालच में इन पत्थर फर्शियो बोल्डरों के ठेकेदारों से सांठगांठ करके अवैध खनन को बढ़ावा दे रहे हैं ।इनमें कुछ ठेकेदारों ने लीज के लिए आवेदन भी विभागों में दे रखे हैं ।लेकिन शासन की ओर से उनको कोई अभी तक हरी झंडी नहीं मिली है।
नई खनिज नीति का नहीं होगा कड़ाई से पालन….
शिवराज सरकार ने करीब 2 साल पहले नई खनिज नीति का अवलोकन करके इसे लागू किया था ।नई खनिज नीति के तहत सालों से काफी जिन पत्थर फर्सी और बोल्डरों के खदान ठेकेदारों को 10% राशि बढ़ाकर प्लीज जारी करने का आश्वासन दिया था ।लेकिन 2 सालों का लंबे समय गुजर जाने के बाद भी शिवराज सरकार ने ना तो खनिज नीति लागू की और ना ही 10 फीसदी राशि बढ़ाकर इन ठेकेदारों को लीज जारी की ऐसी स्थिति में कुछ ठेकेदारों ने खदानों की लीज के लिए आवेदन भी भोपाल खनिज विभाग में जमा किए थे। लेकिन नतीजा सिफर ही निकला है।
यह पत्थर बोल्डर फर्सी खदान मालिक करवा रहे अवैध उत्खनन…..
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्वी वनरेंज रायसेन के तहत तहसील रायसेन के कानपुरा में ठेकेदार आफताब आफताब हुसैन की लगभग 200 एकड़ से भी अधिक क्षेत्रफल में पत्थर फर्जी बोल्डर खदान हैं ।इनकी लीज अवधि वर्ष 2017 में खत्म हो चुकी है।लीज के लिए आवेदन भोपाल हेड ऑफिस में बता कर यह ठेकेदार वर्तमान में जमकर अवैध ब्लास्टिंग कर पत्थर फर्श और बोल्डरों की खुदाई करवा रहे हैं ।बताया जाता है कि इनका पत्थर विदेशों तक जाता है। ऐसे में में जमकर कमाई कर द्वारा लाभ उठा रहे हैं। इसी तरह ठेकेदार कल्याण सिंह अहिरवार अकरम खान अख्तर पटेल सहित सैकड़ों ठेकेदार हैं जो याकूबपुर हकीमखेड़ी तोर अंधेर करहोद मुरैल कला में पत्थर फसी की सैकड़ों अवैध खदानें चला रहे हैं ।ठेकेदार कल्याण सिंह अहिरवार मंत्री के नजदीकी बताए जाते हैं।जिससे शासन प्रशासन सहित सरकार को लाखों का नुकसान हो रहा है। जिला प्रशासन सहित कलेक्टर अरविंद दुबे माइनिंग अधिकारी आरके कैथल को चाहिए कि इन पत्थर फंसी खजाना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए ।ताकि शासन को राजस्व के रूप में होने वाले नुकसान पर प्रतिबंध लग सके।
अवैध रूप से पत्थर फ़रसियों का उत्खनन कर बेचने वाले ठेकेदारों ने नया तरीका अपना रखा है। जिन ठेकेदारों के पास वर्तमान में लीज है उनसे रॉयलटी परमिट जारी करवाकर यह पत्थर फर्सी और बिल्डरों को बाजार में सप्लाई करते हैं ।जांच के दौरान यह रायल्टी दिखा देते हैं। जिससे कार्यवाही होने से पत्थर माफिया आसानी से बच जाते हैं ।यह घालमेल पिछले 6-7 सालों से धड़ल्ले से चल रहा है । पत्थर माफियाओं के कमाई के इस गोरखधंधे की जिला प्रशासन के प्रशासनिक अफसरों को भी इसकी कोई जानकारी नहीं है ।वास्तव में अगर इसकी सही तरीके से जांच की जाए तो रॉयलटी किसी दूसरी खदान के ठेकेदार की होती है। और चोरी चुपके तरीके से इन बोल्डर फ़रसियों पत्थरों को बेचने के लिए यह फर्जी रॉयल्टी का सहारा लेते हैं।
इनका कहना है….
नई खनिज नीति मेरे संज्ञान में नहीं है।कई पत्थर फर्सी ठेकेदारों ने लीज बनवाने आवेदन जमा किए हैं।अवैध उत्खनन करने वालों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।आरके कैथल जिला माइनिंग अधिकारी रायसेन
तहलका न्यूज चैनल रायसेन के लिए जिला ब्यूरो चीफ शिवलाल यादव की स्पेशल ग्राउंड रिपोर्ट….