जानकारी के बाद भी अधिकारी नही कर रहे कार्यवाही
शराब दुकान संचालक को आबकारी अधिकारियों का मिल रहा संरक्षण
शिवम नामदेव
सिलवानी। नगर से निकले स्टेट हाईवे 44 पर बजरंग चौराहा स्थित हनुमान मंदिर से चंद्र कदमो की दूरी पर स्थित देशी विदेशी शराब दुकान संचालक की मनमानी लगातार जारी है। लेकिन प्रशासन के द्वारा मनमानी पर लगाम ना लगाने से शराब दुकान संचालक के होंसले ना केवल बुलंद हो रहे है बल्कि संचालक के द्वारा खुले आम प्रिटं रेट से अधिक कीमत पर शराब का विक्रय किया जाना बताया जा रहा है।
विधानसभा मुख्यालय से निकले स्टेट हाईवे 44 के मुख्य मार्ग पर देशी विदेशी शराब की दुकान संचालित की जा रही है। यह नियम विरुद्व संचालित किया जाना बताया जा रहा है। प्रदेश सरकार की आबकारी नीति के तहत धार्मिक स्थल के समीप शराब की दुकान नही खोली जा सकती है। धार्मिक स्थल से एक सौ मीटर दूर ही शराब की दुकान खाली जा सकती है।लेकिन सिलवानी नगर में प्रदेश की भाजपा सरकार की आबकारी नीति की खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही है। आबकारी अधिकारियों के संरक्षण में शराब दुकान संचालक के द्वारा धार्मिक स्थल से चंद्र कदमो की दूरी पर ही दुकान का संचालन किया जा रहा है। लेकिन प्रशासन के अधिकारी जानते हुए भी कार्रवाही नही कर रहे है। जिससे अधिकारियो ंकी शराब ठेकेदार से संलिप्ता उजागर हो रही हैं। नगर में शराब दुकान पर मनमानी कीमत वसूली का खेल चल रहा है लेकिन आबकारी विभाग के अधिकारी आंखे मूंदे बैठे हुए हैं। शराब की प्रत्येक बोतल पर दुकान के सेल्समैन 10 रुपए से 20 रुपए तक ज्यादा वसूल रहे हैं। इस तरह की वसूली से कई बार विवाद की स्थितियां भी बनती हैं।
शराब की दुकान पर रेट लिस्ट चस्पा नही:-
आबकारी विभाग से अधिकृत शराब की दुकानों पर नियमानुसार शराब की कीमत की सूची का बोर्ड दुकान के बाहर चस्पा करना अनिवार्य होता है। लेकिन अधिकारियों से संरक्षित ठेकेदार के द्वारा ना तो रेट लिस्ट को चस्पा किया गया है और ना ही विक्रय की जाने वाली शराब का बिल ही दिया जा रहा है। जबकि प्रषासन के स्पष्ट निर्देश है कि ग्राहको को विक्रय की जाने वाली शराब का तत्काल ही बिल दिया जावे। लेकिन सरंक्षण के चलते शराब ठेेकेदार ना तो प्रिंट रेट पर शराब का विक्रय कर रहा है और ना ही बिल दिया जा रहा है। फिर भी विभाग की ओर से कार्रवाही नही की जा रही हैं। यहां यह कहना अतिष्योक्ति पूर्ण नही होगा कि आबकारी विभाग के अधिकारियों के संरक्षण में ही शराब ठेकेदार के द्वारा आबकारी नीति की खुले आम धज्जियो उड़ाई जा रही है। और प्रशासन उड़ रही धज्जियो को नजर अंदाज कर रहा है। अब देखने वाली बात यह होगी कि आबकारी विभाग उक्त शराब दुकान के खिलाफ कार्रवाही करता है या सरंक्षण लगातार जारी रहता है।