समरसता यात्रा का जगह-जगह हुआ भव्य और आत्मीय स्वागत
रायसेन, 11 अगस्त 2023
संत शिरोमणि रविदास जी के संदेश और जीवन मूल्यों के प्रति समाज में जागरूकता लाने के उद्देश्य से निकाली जा रही समरसता यात्रा शुक्रवार को रायसेन नगर से होते हुए नकतरा, नरवर, सिरसोदा, देवनगर, गढ़ी होते हुए गैरतगंज पहुंची। स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी तथा सिलवानी विधायक श्री रामपाल सिंह चरण पादुका सिर पर रखकर यात्रा में शामिल हुए। यात्रा के दौरान रायसेन तथा गैरतगंज में जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें अतिथियों द्वारा संत शिवरोमणि रविदास जी की जीवन गाथा तथा उनके आदर्शो के बारे में उपस्थित नागरिकों को संबोधित किया।
जनसंवाद कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने कहा कि संत रविदास के विचार, शिक्षाएं और प्रेरणा सदियों तथा दशकों से मानवता का मार्गदर्शन कर रही हैं। यह संत रविदास की भक्ति का परिणाम ही था कि गंगा भी उनकी कठौती में आ जाती थी। मन की शुद्धता के लिए संत श्री के विचार आज भी सामयिक हैं और हमेशा रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 12 अगस्त को सागर के बड़तुमा में 100 करोड़ रूपये की लागत से संत शिरोमणि श्री रविदास जी के भव्य मंदिर एवं विशाल स्मारक का शिलान्यास करेंगे।
सिलवानी विधायक श्री रामपाल सिंह ने कहा कि सागर में सौ करोड़ रूपये से अधिक की लागत से बनने वाला मंदिर और स्मारक में अनूठा होगा एवं विश्व में एक उदाहरण बनेगा। उन्होंने कहा कि संत रविदास जी ने सामाजिक सदभाव, समरसता और समानता का मंत्र दिया। वे हमेशा जातिप्रथा, भेदभाव, छुआछूत के विरोधी रहे। वे कहा करते थे कि व्यक्ति जन्म से नहीं बल्कि कर्मों से बड़ा होता है। मंदिर से आने वाली पीढ़ियां शिक्षा लेकर समाज निर्माण में लगेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का संत शिरोमणि के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर साधु-संत, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सविता सेन, कलेक्टर श्री अरविंद दुबे, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती अंजू भदौरिया, मप्र जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक श्री कल्याण सिंह राजपूत सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
समरसता यात्रा का मार्ग में जगह-जगह अनेक संगठनों तथा नागरिकों द्वारा पुष्प वर्षा कर आत्मीय स्वागत किया गया। साथ ही चरण पादुका तथा कलश की पूजा-अर्चना की गई। जगह-जगह ढोल बाजे के साथ कलश यात्राएं निकाली गई। जिस मार्ग से भी यात्रा निकाली वहां पूरा क्षेत्र संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के जयकारों से गुंजायमान हो गया। श्रद्धालुओं द्वारा यात्रा के साथ चल रही संत रविदास जी महाराज की पादुका और चित्र का दर्शन कर पूजन किया गया।