IndiaFlipNews एक्सक्लूसिव सीएम के मेरठ दौरे से एक दिन पहले योगी सरकार का 184वां एनकाउंटर
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सीएम के मेरठ दौरे से एक दिन पहले योगी सरकार का 184वां एनकाउंटर

माफिया सूची में शामिल अनिल दुजाना का ऐसा नाम रहा है जिसके सामने गवाह मुंह खोलने से भी घबराते थे। उस पर 52 केस दर्ज थे। इनमें से 12 केस में वह बरी हो गया था। दो बार न्यायालय ने फरारी के केस में दोषी मानते हुए तीन साल की सजा सुनाई थी। उसने वर्ष 2021 में सिकंदराबाद के दो व्यापारियों से जमीन के विवाद के अलग-अलग मामलों में एक करोड़ की रंगदारी मांगी थी।

अनिल ने सबसे पहले वर्ष 2002 में रुपयों के लेनदेन के विवाद में बादलपुर थाना क्षेत्र में युवक की हत्या की थी। उसी साल उसने सेक्टर-20 थाना क्षेत्र और मोदीनगर में भी हत्या की वारदात की। उन दिनों गौतमबुद्ध नगर में स्क्रैप, सरिया और कंपनी के ठेके कब्जाने के अवैध धंधे पर सुंदर भाटी गिरोह हावी था। दुजाना ने आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए अवैध धंधे में दखल शुरू किया। रणदीप भाटी गिरोह सुंदर भाटी का विरोधी था। इसके चलते अनिल और रणदीप गिरोह की निकटता हो गई थी।

वहीं शासन की लिस्ट में नाम आने के बाद से उसका नाम पुलिस और एसटीएफ की रडार पर था। गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर थाना क्षेत्र के दुजाना गांव निवासी अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना पिछले माह दिल्ली से आर्म्स एक्ट के केस में जमानत पर जेल से बाहर आया था। बाहर आते ही वह फिर सक्रिय हो गया था। उसपर दो गवाहों ने हाल ही में सूरजपुर व दादरी कोतवाली में रंगदारी मांगने और धमकी देने के केस दर्ज कराए थे। इससे पहले 16 अक्तूबर 2021 को सिकंदराबाद के चौधरीवाड़ा में किराना के व्यापारी अपनी दुकान का निर्माण कर रहे थे। तभी उनकी दुकान पर अनिल दुजाना गिरोह का लुहारली गांव का अनुज और खटाना गांव का सचिन उर्फ सच्चू और राहुल समेत दो और अराोपी पहुंचे थे।

आरोपियों ने व्यापारी से अनिल दुजाना का नाम लेकर एक करोड़ रुपये की रंगदारी देने के बाद ही निर्माण करने देने की धमकी दी। व्यापारी ने अपने कर्मियों के साथ राहुल को मौके से पकड़कर पुलिस को सौंपा। व्यापारी की पत्नी ने भी एक माह पहले आरोपियों पर एक करोड़ की रंगदारी मांगने का केस दर्ज कराया था।

स्क्रैप-कंपनी के ठेके कब्जाने को लेकर सुंदर भाटी से हुई गैंगवार
अनिल ने सबसे पहले वर्ष 2002 में रुपयों के लेनदेन के विवाद में बादलपुर थाना क्षेत्र में युवक की हत्या की थी। उसी साल उसने सेक्टर-20 थाना क्षेत्र और मोदीनगर में भी हत्या की वारदात की। उन दिनों गौतमबुद्ध नगर में स्क्रैप, सरिया और कंपनी के ठेके कब्जाने के अवैध धंधे पर सुंदर भाटी गिरोह हावी था। दुजाना ने आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए अवैध धंधे में दखल शुरू किया। रणदीप भाटी गिरोह सुंदर भाटी का विरोधी था। इसके चलते अनिल और रणदीप गिरोह की निकटता हो गई थी।

वर्ष 2012 में अनिल के गिरोह ने खेड़ी गांव के जयचंद प्रधान की हत्या की। इसके बाद सुंदर भाटी गिरोह ने हरेंद्र प्रधान की हत्या की। सुंदर भाटी पर साहिबाबाद व गौतमबुद्ध नगर में हुए जानलेवा हमले में भी अनिल दुजाना गिरोह का नाम आया था। सुंदर भाटी और अनिल दुजाना गिरोह की गैंगवार में कई लोगों की हत्या हुईं। अनिल दुजाना पर गौतमबुद्ध नगर के अलावा मुजफ्फरनगर के सात और गाजियाबाद में भी कई केस दर्ज हैं।

पश्चिमी यूपी से दिल्ली तक था अनिल दुजाना गैंग का आतंक
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली तक आतंक का पर्याय बन चुके गैंगस्टर अनिल दुजाना की तलाश जमानत मिलने के बाद तिहाड़ जेल से छूटने के बाद से एसटीएफ को थी। उसके गैंग के 40 सदस्यों में से 17 के खिलाफ पुलिस बीते कुछ सालों में कानूनी शिकंजा कसती जा रही थी। उसके खिलाफ कुल 64 मुकदमे दर्ज थे, जिनमें से एक में उसे तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई जा चुकी थी, जबकि दो मुकदमों में वह बरी हो चुका था।

दुजाना के लंबे आपराधिक रिकॉर्ड की वजह से उसका नाम शासन द्वारा चिन्हित 65 माफिया की फेहरिस्त में गौतमबुद्धनगर के माफिया के रूप में शामिल किया गया था। पुलिस दुजाना की 2.30 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त भी कर चुकी है। उसके खिलाफ गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर के अलावा दिल्ली में भी दो मुकदमे दर्ज थे।

हत्याएं कर कायम किया दबदबा
दुजाना के खिलाफ वर्ष 2002 में पहला मुकदमा गाजियाबाद में हत्या का दर्ज हुआ था। इसी साल उसने गाजियाबाद में दो और हत्याएं कर पश्चिमी उप्र में अपना आतंक कायम कर लिया। वर्ष 2011 में उसने गौतमबुद्धनगर में पांच, जबकि मुजफ्फरनगर में एक हत्या कर पुलिस को चुनौती दी थी। वर्ष 2014 तक उसका नाम 16 हत्याओं में सामने आ चुका था।

सुंदर भाटी के साथ अनबन के बाद नरेेश भाटी गैंग के लिए करने लगा था काम
अनिल दुजाना जरायम की दुनिया में खौफ का बड़ा नाम था। उसके नाम से दुश्मन कांपते थे। आधुनिक हथियारों से वारदातों को अंजाम देने वाले अनिल दुजाना का 21 साल का जरायम की दुनिया का सफर बृहस्पतिवार को एसटीएफ की गोली लगने के बाद खत्म हो गया है। दुजाना वेस्ट यूपी ही नहीं पूर्वांचल के गैंगस्टर के साथ भी वारदात को अंजाम देता था।

साल 2000 से पहले अनिल दुजाना नोएडा के सुंदर भाटी के लिए अवैध सरिया के कारोबार का कार्य करता था। शुरू से ही अपराध की दुनिया में नाम कमाने की महत्वाकांक्षा के चलते उसकी कारोबार में हिस्से को लेकर सुंदर भाटी से अनबन हो गई। इसके बाद वह नरेश भाटी गैंग के लिए काम करने लगा। भाड़े पर हत्या करने लगा। 28 मार्च 2004 को सुंदर भाटी ने नरेश भाटी की हत्या कर दी। तब नरेश भाटी गैंग की कमान उसके भाई रणपाल भाटी ने संभाली।

नरेश भाटी की हत्या का बदला लेने के लिए रणपाल भाटी ने 2005 में सुंदर भाटी के भतीजे लाला फौजी की हत्या कर दी। वर्ष 2006 में बुलंदशहर पुलिस ने रणपाल भाटी को एनकाउंटर में मार गिराया। उसके बाद गैंग की कमान नरेश भाटी के छोटे भाई रणदीप भाटी एवं उसके भांजे अमित कसाना ने संभाल ली। उसकी गैंग में अनिल दुजाना, नरेंद्र उर्फ नन्दू शामिल हो गए। तब तक अनिल दुजाना पर 50 हजार का इनाम घोषित हो चुका था।

बागपत की पूजा से न्यायालय परिसर में की मंगनी
न्यायालय में पेशी पर आने के दौरान अनिल दुजाना ने बागपत की पूजा से मंगनी की थी। वह दादी सती की पूजा करता था। इन दोनों वजहों से चर्चा में रहा। उसने वर्ष 2019 में पूजा से मंगनी की थी। दुजाना गांव में दादी सती का मंदिर है। ग्रामीणों की तरह वह दादी सती की पूजा करता था। अनिल दुजाना किसी विवादित संपत्ति को कब्जा करने पर या किसी एक पक्ष से रंगदारी वसूलने के बाद संपत्ति पर ‘जय दादी सती’ लिख देता था। इससे दूसरे पक्ष के लोग विवादित संपत्ति पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं दिखा पाते थे।

फरवरी 2019 में बागपत की पूजा लगभग दुल्हन की ड्रेस में न्यायालय परिसर में पहुंची थी। इधर, महाराजगंज जेल से अनिल दुजाना पेशी पर आया था। इस दौरान शपथ पत्र पर दोनों ने हस्ताक्षर किए और एक दूसरे को अंगूठी पहनाई थी। इसके बाद एक घर में दोनों के विवाह का फोटो भी सामने आया था। मंगनी और विवाह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई थीं। तब चर्चा थी कि पूजा के परिवार की बागपत में किसी से रंजिश चल रही है।

रंजिश में अपना पक्ष मजबूत करने के लिए पूजा ने अनिल दुजाना से विवाह किया था। अनिल दुजाना अपराध के अलावा विवादित संपत्तियों के फैसले कराने का भी काम करता था। इसके लिए वे एक पक्ष से रुपये वसूल लेता था और दूसरे पक्ष को रास्ते से हटाने के लिए धमकाता था। शुरुआत में वह खुद वारदात करता था। बाद में वह जेल में रहकर अपने गिरोह के बदमाशों से वारदात कराने लगा था। पेशी पर आने के दौरान अपने गिरोह के बदमाशों को पर्ची लिखकर देता था। इसके अलावा जेल से भी कॉल व वीडियो कॉल कर धमकी देता था।

बेटी के जन्मदिन के लिए कराई थी जमानत
सूत्रों के मुताबिक अनिल दुजाना की दो साल की एक बेटी है। बेटी के जन्मदिन में शामिल होने और पत्नी से मिलने के लिए जेल से जमानत कराई थी। हालांकि जेल से बाहर आकर वह गवाहों को धमकी देने लगा था।

योगी के मेरठ दौरे से एक दिन पहले ढेर
अनिल दुजाना के एनकाउंटर से योगी सरकार की माफियाओं के खिलाफ सख्त नीति एक बार फिर साबित हुई। 20 दिन पहले शासन की ओर से जारी 65 माफियाओं की सूची में गौतमबुद्धनगर जिले के माफियाओं में अनिल दुजाना टॉप पर था। पश्चिम में आतंक का पर्याय बने दुजाना को एसटीएफ ने मेरठ में मुख्यमंत्री योगी के दौरे के एक दिन पहले ही मुठभेड़ में मार गिराया। एसटीएफ की इस कार्रवाई के बाद सूची में बाकी बचे 64 माफियाओं में बैचेनी बढ़ गई है।

चार हत्याओं से दहल गया था गाजियाबाद
18 नवंबर 2011 को गाजियाबाद के साहिबाबाद में एक शादी समारोह में सुंदर भाटी पर अनिल दुजाना, रणदीप भाटी एवं अमित कसाना आदि ने एके 47 और स्वचालित हथियारों से हमला कर दिया था। इसमें सुंदर भाटी गैंग के शौकीन, नवीन, जबर सिंह और धनवीर मारे गए थे।
कुख्यात विक्की त्यागी से हुआ था जेल में झगड़ा

मुजफ्फरनगर जेल में रहते हुए अनिल दुजाना का रोबिन त्यागी को लेकर विक्की त्यागी से झगड़ा हो गया था। इसी दुश्मनी के चलते वर्ष 2014 में रोबिन त्यागी की पेशी पर से ले जाते समय मुजफ्फरनगर में रूचिन जाट से विक्की त्यागी द्वारा एके 47 से हमला कराया गया था, रोबिन बच गया लेकिन पुलिस कर्मियों की गोली से लगने से मौत हो गई थी।
2013 में मुजफ्फरनगर पुलिस ने किया था गिरफ्तार

दुजाना के गैंग में बुलंदशहर निवासी बलराम ठाकुर और मुजफ्फरनगर निवासी रोबिन त्यागी एवं माया त्यागी भी थे। वर्ष 2013 में अनिल दुजाना व रोबिन त्यागी ने अपने साथी बलराम ठाकुर एवं रोहित व सुशील जाट निवासी बुलंदशहर से 18 अक्तूबर 2013 को मुजफ्फरनगर में व्यापारी राजीव त्यागी की हत्या कराई। राजीव त्यागी अनिल दुजाना एवं रोबिन के खिलाफ एक मुकदमे में गवाह था। अनिल दुजाना को मुजफफरनगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

जिला न्यायालय में थी पेशी
पिछले माह दुजाना जेल से जमानत पर आया था। ठीक उसी समय शासन की ओर से गैंगस्टर-माफिया की लिस्ट जारी की गई। जिसमें उसका भी नाम था। सूत्रों ने बताया कि अनिल दुजाना के करीबी उसके सरेंडर कराने की तैयारी में जुटे थे। शुक्रवार को उसे गौतमबुद्ध नगर न्यायालय में पेश होना था। वहीं, जानकारी मिली है कि आरोपी दिल्ली जाने के लिए निकला था।

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