गैरतगंज। शासकीय महाविद्यालय गैरतगंज में अध्ययनरत एक छात्रा के साथ जनपद सीईओ द्वारा छात्रवृत्ति फार्म पर हस्ताक्षर करने से मना करने एवं छात्रा के साथ अभद्रता का मामला सामने आया है। इस मामले के बाद छात्रा कार्यालय में ही रोने लगी, इसके बाद भी सीईओ ने हठधर्मिता नही छोड़ी।
शासन द्वारा प्रतिभाशाली छात्राओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से गांव की बेटी योजनांतर्गत छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है इसके लिए पात्र छात्राओ को गांव की बेटी के निर्धारित फार्मेट पर जनपद पंचायत सीईओ के हस्ताक्षर एवं सील लगवाकर ऑनलाइन सबमिट करवाना होता है। इसी फार्मेट पर गैरतगंज महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्रा मोनू चौरसिया हस्ताक्षर कराने जनपद सीईओ पूनम दुबे के पास पहुंची तो उन्होंने गुस्से में लाल होकर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। यही नही कार्यालय के कर्मियों को इस प्रकार के प्रकरण वालो को अंदर नही आने के निर्देश दे डाले। इस घटनाक्रम के बाद छात्रा कार्यालय में ही रोने लगी। छात्रा की हालत देख आसपास के लोगो ने उससे पूछताछ की तो उसने पूरा घटनाक्रम बताते हुए कहा कि वह एक सप्ताह से फार्म में हस्ताक्षर के लिए जनपद सीईओ के चक्कर लगा रही है। फार्म भरने की अंतिम तिथि बुधवार को होने के कारण वह सुबह 11 बजे से सीईओ से मिलने के इंतजार में कार्यालय परिसर में ही बैठी रही पर सीईओ ने समय नही दिया। दोपहर का पहर पूरा निकलने ओर महाविद्यालय में फार्म जमा करने का समय नज़दीक आते देख हार थककर उसने दोपहर 3 बजे सीईओ से हस्ताक्षर का कहा तो वे गुस्से से लाल हो गई तथा बगैर कुछ देखे एवं सुने हस्ताक्षर नही करने का कहकर अभद्रता करने लगी। वही कार्यालय कर्मियों से अंदर नही आने का निर्देश भी दिया। इसके बाद छात्रा अपने आप को असहाय समझकर रोने लगीं। बाद में आसपास के लोगो ने छात्रा को सांत्वना दी।
सीईओ का असंवेदनशील रवैया, आये दिन हितग्राही होते है परेशान
जनपद पंचायत कार्यालय में सीईओ का असंवेदनशील रवैया आज की बात नही है। जनपद पंचायत कार्यालय में आए दिन हितग्राहियों से अभद्रता की जाती है। इसके पहले ग्राम सीहोरा खुर्द के हितग्राही रामबाबू साहू के साथ भी इसी प्रकार का मामला सामने आया था। वही महाविद्यालय की छात्राओं को सीईओ पूनम दुबे की पदस्थी के समय से गांव की बेटी फार्म पर हस्ताक्षर कराने कई दिनों से चक्कर लगाने के मामले सामने आ चुके है। इसके अलावा खेल प्रतिभाओं का एक मात्र खेल ग्राउंड सीईओ ने अपनी हठधर्मिता के चलते ट्रेक्टर द्वारा खुदवा दिया था। इस मामले में मानव अधिकार आयोग ने भी संज्ञान लेकर कलेक्टर से जबाव मांगा था। इन सभी मुद्दों को मीडिया ने प्रमुखता से उठाया था।
सीईओ के खिलाफ लोगो का आक्रोश
सीईओ की कार्यप्रणाली के खिलाफ लंबे समय से स्थानीय जनप्रतिनिधियों, नेताओ सहित अन्य लोगो में आक्रोश देखा जा रहा है। सत्ता पक्ष के भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय जैन ने बताया कि आए दिन सीईओ का इस प्रकार का रवैया सामने आ रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हितग्राही मूलक योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने के लिए संकल्पित है तो इस प्रकार के अधिकारी उनकी मंशा पर पानी फेर रहे है। सीईओ पर कार्रवाई होना चाहिए। इसके अलावा जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि संतोष मालवीय ने बताया कि उनके द्वारा भी क्षेत्र के सैकड़ों हितग्राहियों के शौचालय की राशि नही डाले जाने की शिकायत की गई। परन्तु सीईओ को जनहितैषी मामलों में हमेशा ही उदासीन रहती है। सीईओ की कार्यप्रणाली वाकई में खराब है इन पर कार्रवाई होना जरूरी है।
इस मामले में जब सीईओ पूनम दुबे से बात करना चाही तो उन्होंने कुछ भी कहने से साफ तौर पर इंकार कर दिया।