रायसेन। शुक्रवार को गुड फाइडे पर शहर के कान्वेंट स्कूल स्थित चर्च में विशेष प्रार्थना सभा की गई। बड़ी संख्या में ईसाई समाज के लोगों ने यहां पहुंचकर प्रार्थना सभा की। यह पर्व ईस्टर संडे के पहले वाले शुक्रवार को मनाया जाता है। क्योंकि इसी दिन ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था। गुड फ्राइडे के दिन लोग ईसा मसीह के बलिदान को याद करते हैं। चर्च जाकर प्रार्थना करते हैं।
शुक्रवार की शाम को प्रभु यीशु मसीह के दु:खभोग के दृश्यों का मंचन जुलूस के रूप में नगर की मुख्य सडकों पर किया गया। यह जूलूस सेंट फ्रांसिस कान्वेंट स्कूल के गिरजाघर से शुरू हुआ, जो शहर के मुख्य मार्गों से होता हुआ वापस वापस चर्च पहुंचकर समाप्त हुआ। मसीही ईसाई समाज के लोगों ने परिवार सहित गिरिजाघरों में मिस्सा बलिदान की पूजा और विशेष प्रार्थना सभा में हिस्सा लिया। दु:खभोग जुलूस में प्रभु ईसा मशीह को क्रूज पर लटकी हालत में कन्धों पर रखकर चल रहे थे। जगह-जगह उनकी आत्मिक शांति के लिए पवित्र धर्मग्रन्थ बाइबिल को पढ़कर सुना रहे थे। बताया जाता है कि गुड फ्राइडे पर यहूदियों द्वारा प्रभु ईशु मसीह को तरह-तरह की यातनाएं देकर क्रूस पर लटका दिया था। तभी से यह दु:खभोग जुलूस ईसाई समुदाय के लोग पारंपरिक तरीके से निरन्तर निकालते हैं। शुक्रवार को निकाले गए दु:खभोग जुलूस में पल्ली पुरोहित फादर सोमी जैकब, सचिव बर्नार्ड जॉर्ज, सिस्टर अर्चना सिस्टर सानिया जॉनसन, डेविड थॉमस, चेनू मसीह, जैकब थॉमस डेविड भाई, जॉनसन सहित बड़ी संख्या में ईसाई समाज के लोग शामिल हुए।