रायसेन। कायस्थ समाज द्वारा भगवान श्री चित्रगुप्त जी के प्रकटोत्सव पर सार्वजनिक शासकीय अथवा एच्छिक अवकाश घोषित किए जाने की मांग की है। इस बावत् कायस्थ महासभा द्वारा मुख्यमंत्री के नाम से ज्ञापन एसडीएम एलके खरे को सौंपा गया है। कायस्थ महासभा का कहना है कि कायस्थ समाज के इष्टदेव भगवान श्री चित्रगुप्त जी का प्रकट उत्सव बैसाख की गंगा सप्तमी को मनाया जाता है जो कि इस वर्ष 27 अप्रैल को है। यह सर्वविदित है कि कायस्थ समाज का शासकीय सेवाओं में 90 प्रतिशत योगदान रहता है। कायस्थ समाज शासकीय कार्य पूर्ण ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ सम्पादन करता है। यह कि भगवान श्री चित्रगुप्त जी सृष्टि के न्यायाधीश व सर्वसमाज के पूज्यनीय देवता है। यह कि जैन समाज का शासकीय सेवा में 10 प्रतिशत योगदान है इसके वावजूद भगवान महावीर जी के जन्मोत्सव पर सार्वजनिक अवकाश घोषित है इस प्रकार पंजावी समाज का शासकीय सेवा में 5 प्रतिशत योगदान है फिर भी श्री गुरूनानक देवजी के जन्मोत्सव का सार्वजनिक अवकाश घोषित है तथा श्री विरसामुंडा जयंती पर सार्वजनिक अवकाश रहता है। यह कि भगवान श्री चित्रगुप्त जी के प्रकट उत्सव पर समाज द्वारा श्री चित्रगुप्त भगवान की सार्वजनिक पूजा, शोभायात्राए, महाआरती तथा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जाते हंै जिससे कायस्थ समाज के 90 प्रतिशत सदस्य शासकीय सेवा में है। इससे वे स्वयं तथा परिवार के मुखिया के नाते कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाते हैं जिससे उनकी भावना आहत होती है। कायस्थ महा सभा ने कायस्थ समाज की भावना को ध्यान में रखते हुए कायस्थ समाज के कुल देवता के प्रकट उत्सव गंगा सप्तमी को प्रतिवर्ष शासकीय सार्वजनिक अवकाश या एच्छिक अवकाश घोषित करने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के जिला अध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव, अशोक श्रीवास्तव मनोज सक्सेना, सूर्य प्रकाश सक्सेना, नवीन श्रीवास्तव, नरेश श्रीवास्तव, महेंद्र सक्सेना, हर्षित सक्सैना, दिनेश श्रीवास्तव, बबलू श्रीवास्तव बृजलाल सक्सेना, भूपेंद्र श्रीवास्तव, बृजेंद्र श्रीवास्तव, उमाशंकर श्रीवास्तव, महेश श्रीवास्तव, रूपेश श्रीवास्तव, रज्जन लाल सक्सेना आदि शामिल रहे।
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