समुद्र में बना डीप-डिप्रेशन अब चक्रवात में बदल चुका है, जिससे उत्पन्न चक्रवाती तूफान हर दिन तेज होता जा रहा है। 12 जून तक यह चक्रवाती तूफान विकराल रूप ले सकता है। मौसम विभाग की मानें तो इसका असर भारत सहित पाकिस्तान, ओमान, ईरान सहित अरब सागर से सटे देशों पर पड़ने वाला है। अगले तीन दिनों में यह तूफान बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में परिवर्तित होगा जिससे समुद्र में बहुत ऊंची लहरें उठेंगीं। अरब सागर में बनने वाले पहले प्री मानसून तूफान से अरब सागर के तटीय देशों पर खतरा मंडरा रहा है। भारत में इसका सबसे ज्यादा असर गुजरात के समुद्री किनारे के शहरों में देखने को मिलेगा। इसके अलावा कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों से यह तूफान दूर जा रहा है, लेकिन तटीय इलाकों में भारी बारिश होगी। इस चक्रवाती तूफान का लैडफॉल पाकिस्तान में होने की संभावना है। इस चक्रवाती तूफान को लेकर मौसम विभाग ने समुद्री किनारे वाले शहरों में प्रशासन को अलर्ट कर दिया है, साथ ही समुद्र में ऊंची लहरें उठने की भी संभावना जाताई जा रही है। बांगलादेश ने सुझाव दिया है कि इस चक्रवाती तूफान का नाम बिपारजॉय रखा जाए।
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